मैं मरने के बाद कहाँ जाऊँगा? क्या स्वर्ग नरक सच में है? क्या है इसके पीछे की सच्चाई? क्या इस सच्चाई से मेरे इस जीवन पर कोई प्रभाव पड़ता है? आइए जाने
आज मैंने एक बहुत बूरा सपना देखा। मैंने देखा कि एक ट्रक ने मुझे टक्कर मार दी और मेरी तुरंत मौत हो गई। मैं यह सपना देख कर इतना डर गई कि मेरी नींद खुल गई और तब जा कर मुझे यह ऐहसास हुआ कि यह तो बस एक बूरा सपना था।
वो सपना मेरे लिए इतना सच था कि उठने के बाद भी मुझे यकीन नही हो रहा था कि यह बस एक सपना था। उस दिन मैंने बहुत बार सोचा कि अगर मैं सच में मर जाती तो मैं कहाँ जाती? क्या मैं स्वर्ग में जाती या नरक में? क्या मरने के बाद मैं रोशनी में चली जाती या मैं एक तारा बन जाती?
फिर मैंने इन सब सवालों के जवाब ढूंढने शुरू किए कि हक़ीक़त क्या है और मुझे यह सब सवालों के जवाब मिल गए। अगर आप भी इस सवाल के जवाब को ढूंढ रहे हैं कि हम मरने के बाद कहाँ जाते हैं तो यह आर्टिकल पढ़ते रहें।
इंसान केवल शरीर नहीं पर शरीर, प्राण (यानी हमारे विचार, भावनाएं, निर्णय लेना) और आत्मा है और जब एक इंसान की मौत होती है तो उसका शरीर मिट्टी में मिल जाता है पर उसकी आत्मा जिंदा रहती है और फिर उसकी आत्मा या तो स्वर्ग में या नरक में जाती है। स्वर्ग जाना और नरक जाना दोनो मनुष्य के हाथ में है।
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