दुआ क्या होती है? मैं दुआ कैसे करूँ? क्या दुआ करने से कुछ मिलता है या सिर्फ़ मन को तस्सली मिलती है? क्या दुआ करने से सच में सुकून मिलता है? क्या मेरी चोटी सी दुआ सुनी जाएगी? दुआ कैसे करूँ और कौन है जो मेरे दुआ सुनता है और दुआ का जवाब भी देता है?
“दिल में सुकून इसलिए है क्योंकि दुआ है” उस ईश्वर का नाम तो सभी लेते हैं और उसका हाथ अपने ऊपर चाहते हैं। इसलिए उससे प्रार्थना करते हैं ताकि ईश्वर की आशीष उसके लोगों पर हो, वह सुरक्षा प्रधान करें, खुशियों को लाए, बुरी नज़र से बचाए, बिगड़े काम बनाए।
प्रार्थना करना मुश्किल नहीं है, कई बार हम सोचते हैं कि हमारी प्रार्थना सुनी भी गई है या नहीं क्योंकि हमें इस बात की उलझन रहती है। अलग-अलग विषयों के लिए कैसे और किस तरह से प्रार्थना की जाए? कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सुरक्षा के लिए प्रार्थना कैसे की जाए और चंगाई पाने के लिए प्रार्थना कैसे की जाए?
हमें लगता है कि ईश्वर से प्रार्थना करने के लिए बहुत भावुक होने की जरूरत है, बड़े-बड़े शब्दों का इस्तेमाल करने की आवश्यकता है पर असल में ईश्वर हमारी छोटी प्रार्थना को, हमारे टूटे शब्दों को, हमारे आंसुओं को सुनता है।
दुआ- ईश्वर से बात करना है और जब हम किसी से बात करते हैं तो वह बात बोलते हैं जो हमारे मन में होती है उसी तरह आप भी अपनी विनती ईश्वर के सामने इस तरह से रखें जैसे आप अपने किसी मित्र से बात कर रहे हैं इस रीति से प्रार्थना करने में आपको कोई मुश्किल नहीं होगी और सरलता से प्रार्थना कर पाएंगे।
यदि आप यह प्रार्थना कर रहे हैं कि आप एग्जाम में पास हो जाए और आपका दोस्त फेल हो जाए आपको ऑफिस में प्रमोशन मिले और आपके बाकी साथियों के साथ बुरा हो, आपकी बेटी की शादी हो और आपके पड़ोसी की बेटी कुंवारी बैठी रहे तो ऐसी प्रार्थनाएं करने का कोई फायदा नहीं है। वह ईश्वर है किसी चिराग का जिन्न नहीं कि आपकी कोई भी मुराद को पूरा कर दे। वह मनुष्य के मन को और उसके विचारों को जानता और जांचता है। ईश्वर आपकी ऐसी प्रार्थनाओं को सुनेगा तो जरूर पर उनको कभी पूरा नहीं करेगा इसलिए मन फिराए और अपने उन गलत प्रार्थना के लिए पापों की क्षमा मांगे क्योंकि वह अपराधों को क्षमा कर देने के लिए विश्वासयोग्य परमेश्वर है।
यदि आप किसी संकट में है और नहीं जानते कि क्या प्रार्थना करनी है तो यह प्रार्थना कर सकते है कि यीशु मसीह मैं आप से विनती करता/करती हूं कि आप इस संकट से मेरी रक्षा करें, मैं तेरे पवित्र लहू में अपने आप को डांपता/डांपती हूं और मैं विश्वास करती/करता हूं कि इस संकट के बीच में आपका लहू मुझे सुरक्षित रखेगा। इस परिस्थिति के बीच आपके स्वर्गदूत मेरी रक्षा करें और आप इस संकट को अपनी महिमा में बदल दे यीशु मसीह के नाम से आमीन।
यीशु मसीह मैं विश्वास करती/करता हूं कि “आपके लहू बहाने से मेरे पाप क्षमा हुए हैं, आपके कोड़े खाने से मैंने चंगाई पाई है और आपके ताड़ना सहने से मैंने शांति पाई है।” मै मेरे पाप, बीमारियों, श्रापो को क्रूस पर गड़ा हुआ देखती/देखता हूँ। मेरी चंगाई को जो आपके क्रूस पर मरने से मुझे मिली है ग्रहण करती/करता हूं और मेरे जीवन में उसकी घोषणा करती/करता हूं।
मैं आपका धन्यवाद करता/करती हूँ क्योंकि आपने मेरी प्रार्थना के शब्दों के अनुसार कर दिया है यीशु मसीह के नाम से आमीन।
याद रखें ईश्वर आप से प्रेम करते हैं और आपके जीवन में आने के लिए हर एक भली आशीष का एक नियुक्त समय है। इसलिए आप यह प्रार्थना कर सकते हैं यीशु मसीह मैं आप पर भरोसा करता/करती हूं कि आप स्वर्ग से मेरे लिए भलि और उत्तम वस्तुओं को मेरे जीवन में भेजेंगे। मैं आपके प्रेम को ग्रहण करता/करती हूं और उन आशीषों को जो आपके नाम पर विश्वास करने से मुझे मिली है।
यीशु मसीह मैं आपका धन्यवाद करता/करती हूं कि आपने क्रूस पर मारकर, आपने किमती लहू बहाकर और तीसरे दिन मुर्दो में से जीवित होकर पाप, मर्त्यु, शैतान को हरा दिया है इसलिए मैं यीशु मसीह के नाम से इस दुष्ट आत्मा को डांटता/डांटती हूँ और इस जगह से, इस मनुष्य में से निकल जाने की आज्ञा देती हूं और पवित्र आत्मा मैं आपसे विनती करता/करती हूं कि आप मुझ में आए क्योंकि आपके वचन के अनुसार मैं आपकी आत्मा का मंदिर हूं इसलिए इस मंदिर को अपनी हजूरी से भर दो मैं आपके पवित्र लहू में अपने आप को, अपने परिवार को, अपने घर को छुपाती हूं और विनती करती हूं की आपके पवित्र दूत मेरे और मेरे परिवार की रक्षा करेंगे और उस दुष्ट को मेरे आस-पास भी नहीं आने देंगे। मेरी प्रार्थना को सुनने के लिए आपका धन्यवाद यीशु मसीह के नाम से आमीन।
आप इन प्रार्थनाओ के साथ साथ बाइबल की मदद ले सकते हैं उसमें से परमेश्वर के वचन को पढ़ सकते है और यदि किसी भी विषय में आप ओर जानकारी चाहते हैं या किसी की मदद चाहते हैं तो आप हमसे संपर्क कर सकते हैं। ईश्वर आपको आशीष दे।
क्या आप बिना कुछ काम किए भी हर समय थका हुआ महसूस करते हो? कई…
आपने अपनी मनोकामना को पूरी करने के लिए क्या क्या किया है? हम अपनी मनोकामना…
प्यार के बिना ज़िंदगी का कोई मतलब नहीं है पर यह भी सच है कि…
“क़िस्मत का लिखा कोई नहीं मिटा सकता।” “ये तो नसीबों की बात है।” क्या हमारी…
ये बात सच है कि "कल किसने देखा है" पर भविष्य की तैयारी और योजना…
ट्रैन पटरी से उतरने की दुर्घटना में, घायल हुए 1000 से भी ज़्यादा लोग। इस…