आत्मविश्वास कैसे बढांए?|How to increase self- confidence|

आत्मविश्वास का महत्व

कोचिंग, काउन्सिल और टेड लेक्चर्स के इस ज़माने में आज जहाँ कई लोग अपनी ज़िंदगी के अनुभव बाँट कर लोगों को प्रोत्साहित कर रहे हैं वहीं लाखों लोग मोटिवेशन और उत्साहवर्धक बातें सुनकर अपने आत्मविश्वास को बढ़ाना भी चाहते हैं। कहीं न कहीं आज लोग अपने आत्मविश्वास को बढ़ाने को लेकर काफ़ी उत्सुक हैं और यह एक काफ़ी अच्छी बात है।

एक स्कूल या यूनिवर्सिटी स्टुडेंट अपने पढ़ाई और परीक्षा के लिए आत्म-विश्वास की खोज में है तो एक आफ़िस का एम्पलोई अपने काम में अपने सीनियर को देने वाले प्रेसेंटेशन के दौरान आत्म-विश्वास से भरा रहना चाहता है। हर कोई कहीं-न-कहीं, किसी-न-किसी तरह से आत्मविश्वास से परिपूर्ण रहना चाहता है ताकि लोगों के बीच उसकी एक अलग पहचान बन सके।

आत्मविश्वास को सफलता से जोड़कर भी देखा जाता है। और शायद इसलिए भी लोग भले ही अपने जीवन में सफल हों न हों पर आत्मविश्वास से भरे दिखाई देना चाहते हैं।

आइए हम आत्मविश्वास बढ़ाने के कुछ प्रैक्टिकल टिप्स देखें :-

1. लोगों से मदद मांगने में हिचकिचाहट न करें। इससे आपके आत्म-सम्मान को कोई ठेस नहीं पहुंचेगी बल्कि आपका आत्म-विश्वास बढ़ेगा कि आपने किसी से कुछ नया सीखा। नई चीज़ को सीखने में कोई बुरी बात नहीं।

2. गलती करने से डरे नहीं और अगर गलती हो जाए तो उसे स्वीकार करके उससे सबक लीजिए।

3. आपकी अपनी ख़ुशी आपके खुद के हाथों में है, किसी और के हाथों में नहीं….इस बात को जानिए। इससे आपके आत्म-विश्वास को बल मिलेगा।

4. आपको हमेशा लोगों के सामने आकर्षण का केन्द्र बनने की कोई ज़रूरत नहीं। आपकी पहचान लोगों को आपको कुछ समझने या ना समझने से नहीं है।

5. कुछ नया करने से या रिस्क लेने से ना घबरांए। उस नए काम को करने में अगर आप सफल हुए तो आपका आत्म-विश्वास बढ़ेगा और अगर आप असफल हुए तो आपको एक नई सीख मिलेगी जिससे घूम-फिर कर आपका आत्म-विश्वास बढ़ेगा।

6. दूसरों की ख़ुशी में शामिल होना सीखिए।

7. दूसरों के साथ अपनी तुलना करना और दूसरों के अच्छे-बुरे तथा सफलता-असफलता का आंकलन करना बंद कीजिए। इससे आपके आत्म-विश्वास को नुकसान पहुंचता है।

8. ‘हाँ’ को हाँ और ‘ना’ को ना बोलना सीखिए।

परमेश्वर ने हम सबको अपनी छवि में बनाया है और हम सब उसके अनोखे संतान हैं। बाइबिल कहती है कि उसने हम सबको हमारे नाम से पुकारा है। हमारे लिए इससे बड़ी बात क्या हो सकती है कि उसने अपनी पवित्र आत्मा को हमें दिया है। क्या ये बात हमें, जो कि उसकी सन्तान हैं, आत्म-विश्वास से नहीं भरती???

इस बारे में और ज़्यादा जानने के लिए आप हमसे संपर्क कर सकते हैं। 

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Nirvi

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