सिर्फ़ शराब पीना या जुआ खेलना बुरी आदतें या लत नहीं होती। क्या आप जानते हो हम सभी कहीं ना कहीं बुरी आदतों के शिकार हैं? क्या आप इससे आज़ादी पाना चाहते हो?
लगभग हर दिन मैं एक दोस्त या किसी करीबी को किसी चीज के “आदी” होने के बारे में बात करता हूं: चॉकलेट, व्यायाम, सोशल मीडिया, टीवी देखना आदि। क्या ये वाकई गलत आदतें हैं? नहीं—नहीं लेकिन कौनसी आदत बुरी आदत बन जाये यह जानना ज़रूरी है।
मुझे समझाने दें: लत, परिभाषा के अनुसार, मनोवैज्ञानिक और शारीरिक रूप से किसी चीज पर निर्भर होना है। यदि आप शराब, तंबाकू या ड्रग्स के आदी हैं, उदाहरण के लिए, यदि आप इसे लेना बंद कर देते हैं, तो आपको रक्तचाप में वृद्धि, मतली, पसीना और कंपकंपी
आजकल, बहुत से लोग “लत” शब्द का प्रयोग जुआ खेलने, खाने, यौन संबंध रखने, व्यायाम करने, ज़्यादा काम करने, खरीदारी करने या इंटरनेट पर सर्फिंग जैसे व्यवहार को “ज़रुरत” बुलाते हैं। ये चीजें तकनीकी रूप से बुरी लत हैं, ज़रुरत नहीं। यदि एक जुआरी कैसीनो में नहीं जाता है, तो वह बेचैन हो जाता है।
अब एक जुआरी की कल्पना करें जो खुद को बहुत से कर्ज में डूब जाता है या कोई ऐसा व्यक्ति जो अपनी शादी पर होने वाले नुकसान के बावजूद नाजायज़ संबंध बनाए रखता है। महत्वपूर्ण प्रश्न यह नहीं है कि क्या वास्तव में कोई “लत” है, बल्कि यह है कि यह आपके जीवन पर विनाशकारी प्रभाव डाल रहा है या नहीं।
गलत आदतें भी अक्सर तनाव और डिप्रेशन के साथ-साथ चलती हैं। जुए का उत्साह, खाने का आराम, बिना रुके ख़रीदारी, अस्थायी रूप से उदासी और चिंता की भावनाओं को दबा देता है। लेकिन कुछ समय बाद, वह बुरी भावना वापस आ जाती है, और फिर से उसे दोहराने की इच्छा जाग जाती ह।
विशेषज्ञ का कहना है कुछ मामलों में, बाध्यकारी व्यवहार मस्तिष्क में उन्हीं न्यूरोलॉजिकल मार्गों और आनंद केंद्रों को ट्रिगर करते हैं जैसे ड्रग्स करते हैं, इसलिए जब आप उन्हें करते हैं तो “अस्थायी संतुष्टि” की भावना होती है। दुर्भाग्य से, जितना अधिक आप उन रास्तों को सक्रिय करते हैं, वे उतने ही मजबूत होते जाते हैं, जिससे इसे छोड़ना बेहद मुश्किल हो जाता है। आपके वातावरण से भी फर्क पड़ता है। यदि आपके घर में आपके माता पिता को कोई लत हो तो कई बार स्वाभाविक रूप से वही आदतें आपके अंदर भी आ सकती है।
यह स्वीकार कि आपको कोई समस्या है। जब तक आप खुद के प्रति ईमानदार नहीं होंगे, तब तक आप छोड़ने की बात नहीं कर सकते। इसी तरह, किसी और को (जैसे जीवनसाथी या करीबी दोस्त) यह बताना बहुत मददगार हो सकता है कि आपको लगता है कि आपको कोई समस्या है। यह इसे और अधिक ठोस और निपटने में आसान बनाता है।
किसी बुरी आदत का शिकार होने या फिर किसी बुरी आदत का लत लगने का कारण आपके अलावा आपका वातावरण भी हो सकता है।
जैसे अगर आप ऐसे वातावरण में रहते है जहा सभी तरह-तरह के नशा करते है तो हो सकता है कि आप भी नशा करने लगे। अब यह बुरी आदत तो आपके आदत में शामिल हो गयी हैं। ऐसे में आपको अपनी बुरी आदत को छोड़ने के लिए उस वातावरण को छोड़ना चाहिए।
दोस्ती का हमारे जीवन और हमारे सोच पर जितना असर पड़ता है उतना और किसी कारण नहीं पड़ सकता है।
हम अपने दोस्त और दोस्ती से ही अच्छी और बुरी बाते सुनते है। दोस्त के सोच और आदत का असर हमारे ऊपर भी होता है। इसलिए अपने बुरी आदत को छोड़ने के लिए आपको ऐसे व्यक्ति से दोस्ती करनी चाहिए जिस व्यक्ति के अंदर बुरी और गलत आदत ना हो।
खुद के बारे में जितना समझा जाए और जितना खुद को जाना जा सके। उतना ही खुद को पहले से बेहतर किया जा सकता है और अपने अंदर किसी भी तरह के बुरी आदत को छोड़ा जा सकता है। भले ही खुद को समझने में समय अगल सकता है। लेकिन एक बार खुद के बारे में समझ गए तो फिर किसी भी बुरी आदत को छोड़ सकते है।
आप ही वह इंसान है जिसके अंदर कोई भी बुरी आदत है और आप ही वह व्यक्ति है जो उस बुरी आदत को छोड़ सकते है। इसके लिए आपको खुद पर पूरा विश्वास रखना होगा। आपको यह मानना होगा कि आप अपने बुरी आदत या बुरी लत को छोड़ सकते है। यकीनन आप एक दिन ऐसा ज़रूर कर सकते है।
बाइबल हमें संयम और साफ़ जीवन जीने की सलाह देती है। बुरी आदतें हमें परमेश्वर के प्रेम के अयोग्य महसूस करा सकते है। येशु मसीह का दिल बहुत विशाल है और वह आपकी हर आदतों के बारे में जनता है। बाइबिल में लिखा है की: “येशु ने हमें वैसे ही स्वीकार किया जैसे हम है। ” इस लिए आपको येशु के पास आने से या उनसे बात करने से डरने की ज़रुरत नहीं है। येशु का प्यार और उनसे प्राथना करना आपकी सारीबुरी आदतें मिटा सकता है। आपको जीने की नयी आशा मिलेगी। और जानने के लिए हमे से बात करें।
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