एक कहानी बहुत मशहूर हुई थी ‘स्नो वाइट’ और ‘सात बौनों’ की।“मिरर मिरर ऑन द वोल, हु इज द फैरेस्ट ऑफ डैम ऑल?’ ‘Mirror mirror on the wall, who’s the fairest of them all?’
आइना मुझे बताओ की सबसे सुंदर कौन है?
वो आइना हमेशा एक चुड़ैल रानी का नाम लेता था और यह बात उस चुड़ैल को बहुत पसंद थी। एक दिन उस आईने ने एक छोटी लड़की के नाम सबसे सुंदर होने का ख़िताब दिया और चुड़ैल को इस बात पर बहुत गुस्सा आया।
खैर यह तो कहानी थी लेकिन यह बात सच है कि हम सब सुंदर दिखना चाहते हैं और अपनी तारीफ सुनना तो सबको अच्छा लगता है। धुप में हुई काली त्वचा, पिंपल्स से भरा चेहरा, मोटापा, गोरा रंग, लम्बा कद, मेरे होठ, मेरी नाक.. इन बातों में हम अपनी सेल्फ इमेज को कैद कर लेते है। सेल्फ इमेज जब तक पॉज़िटिव है ठीक है, पर यदि वो हमारी सोच और ज़िन्दगी का केंद्र बिंदु बन जाए तो नुक्सान है।
इस नकारात्मक आत्म-छवि के दुष्परिणाम स्वरुप ‘खाने में विकार’ नयी समस्या हो रही है। ‘ईटिंग डिसऑर्डर’ (Eating Disorder) या खाने में विकार के कारण, या तो लोग कम खाने लगते है, या फिर जरुरत से ज्यादा खाते हैं। आजकल सिर्फ़ लड़कियाँ ही नहीं पर लड़के भी इसका शिकार होते जा रहे हैं। जब मेरी सहेली की शादी नहीं हो पा रही थी तो उसे ऐसा लगने लगा था कि वजन ज्यादा होने के कारण कोई उसे पसंद नहीं करता। इस वजह से उसने खाना बहुत कम कर दिया था और मानसिक तनाव से गुज़र रही थी। मैं ऐसे कितने लोगों को जानती हूँ जिन्होंने अपनी नकारात्मक सेल्फ़ इमेज की वजह से ऐसे क़दम उठाए जो उनके लिए हानिकारक साबित हुए और उन्हें अपने शरीर में काफ़ी नुक़सान उठाना पड़ा।
अगर आप इन लक्षण से गुज़र रहे हैं तो अपने परिवार, दोस्त या डॉक्टर से मदद ले।
हम शायद अपना सारा जीवन दूसरों को खुश करने में या फिर दुनिया के लोग हमारे बारे में क्या सोचते हैं इसमे ही झोंक देंगे और कभी खुश नहीं रह पाएंगे। बाइबिल का परमेश्वर यह कहता है “परमेश्वर का देखना मनुष्य का सा नहीं है; मनुष्य तो बाहर का रूप देखता है, परन्तु परमेश्वर की दृष्टि मन पर रहती है।” क्या आप भी ऐसे परमेश्वर से मिलना चाहते है जो आपको बेहद प्यार करता है? और आपके बाहरी रूप की चिंता नहीं करता… अगर आप इस विषय पर और जानना चाहते हैं तो हमसे बात करें।
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