जीवन

चिंता और परेशानी से मुक्ति कैसे पाए? चिंता से मुक्ति पाने के उपाय और टिप्स।

 चिंता क्या है?

जैसे ही मैंने ऑफ़िस में प्रवेश किया, मैंने अपनी दोस्त को उसकी सांस के लिए संघर्ष करते हुए और भय से कांपते हुए पाया। कुछ तो ऐसा था जो उसे परेशान कर रहा था, कुछ तो बात थी जो उसे चिंतित कर रही थी जो वो बता नहीं रही थी। उसे एक और पैनिक अटैक (panic attack) पड़ा था। वह अपनी चिंता (anxiety) और पैनिक अटैक के बारे में काफ़ी शर्मिंदा थी। 

चिंता की परिभाषा

वास्तविक या संभाविक समस्याओं के बारे में परेशान होने की स्थिति। चिंता से कोई नहीं बच पाया है, चाहे वह अमीर हो या गरीब। अक्टूबर 6 के टाइम्स ऑफ इंडिया के आर्टिकल के अनुसार चिंता के कारण 4 में से 1 भारतीय प्रभावित है, 10% उदास या निराश होकर डिप्रेस्ड हैं।

ऐसा कह सकते हैं ‘वक्त की एक आदत बहुत अच्छी है, जैसा भी हो गुजर जाता है’।  पर क्या हम चिंता के लिए भी यही बात कह सकते हैं?

चिंता से दूर होने के कुछ लोकप्रिय उपाय:

  • जब हम एक छोटी सी बात की चिंता करना शुरू ही करते हैं तो वह चीज थोड़े ही समय में दस गुना ज्यादा बड़ी लगने लगती है। हमें विचारों में डूबकर नहीं पर जल्द हल ढूंढने में लग जाना चाहिए।
  • हर चीज के लिए चिंता करना समझदारी नहीं।
  • व्यायाम करने से एंडोर्फिन हार्मोन शरीर में रिलीज होता है जिससे सकारात्मक रूप से चिंता और तनाव कम होती है।
  • अपनी बात शेयर करें! चाहे परिवार में किसी से या फिर नज़दीकी दोस्त।

चिंता के दो पहलू: चिंतित लोग और चिंतित दुनिया:

  • जो पिछली गलतियों को भी अपने आज में शामिल करते हैं या आने वाली मुसीबतों की फिक्र करते हैं जो अभी घटी भी नहीं हो।
  • लोग जो सोचते हैं उनकी कश्ती बस डूब रही है, और किनारे पर आने का कभी भरोसा नहीं करते।

चिंतित लोग और एक सर्वोच्च परमेश्वर:

हम सब जानते हैं इंसान कितना ही ज्ञान पाले, तपस्या कर ले परंतु परमेश्वर के समान सिद्ध और चिंता मुक्त स्थिति पर नहीं पहुंच सकता।  इंसान ने यह चाहा कि हर चीज का कंट्रोल या उपाय उसके हाथों में हो।  इस कार्य में वह परमेश्वर और उसके पराक्रमी सामर्थ से दूर होता रहा। यह समस्या की जड़ है।

बाइबिल में परमेश्वर ने तीन सच्चाईयों की मदद से चिंता के विषय में तसल्ली दी है:

  • जहां इंसान हमें निकम्मा ठहराता है वहां परमेश्वर हमें बहुमूल्य कहता है।” देखो! आकाश के पक्षी न तो बुआई करते हैं और न कटाई, न ही वे कोठारों में अनाज भरते हैं किन्तु तुम्हारा स्वर्गीय पिता उनका भी पेट भरता है। क्या तुम उनसे कहीं अधिक महत्वपूर्ण नहीं हो? तुम में से क्या कोई ऐसा है जो चिंता करके अपने जीवन काल में एक घड़ी भी और बढ़ा सकता है? डरो मत ! तुम तो बहुत सी चिड़ियों से कहीं अधिक मूल्यवान हो।
  • यीशु ने कहा चिंता करना व्यर्थ है। क्या हम में से कोई भी अपनी आयु में एक घड़ी भी ज्यादा जोड़ सकता है? या उसमें कोई उत्पादक मूल्य है?
  • चिंता करना सर्वशक्तिमान परमेश्वर पर अविश्वास दिखाने की निशानी है।
  • स्वर्गीय धन: अगर आप अपने मन को जांचे तो पाएंगे कि हमारी सारी चिंताओं की जड़ यह सांसारिक प्यास हैं। पैसा, नौकरी, घर, धन इत्यादि के पीछे बस भागे ही चले जा रहे हैं।

अगर हमारे पास जीने के लिए केवल एक ही दिन रह जाए तो हम एक पल में समझ जाएंगे कि हमारी प्राथमिकताएं क्या है! सांसारिक धन या स्वर्गीय धन! प्रभु यीशु मसीह जो स्वयं परमेश्वर है आपकी सारी आवशक्ताओं को पहचानते हैं। अगर हम इस सच्चाई को थाम ले कि वह सभी बातों पर प्रभुता रखते हैं और व्यक्तिगत रूप में सभी पहलुओं को बनाए रखने में सक्षम है; तो हम उस पर अपनी चिंता डालकर चिंता मुक्त हो सकते हैं! हमसे इस बारे में और पूछिए। चलिए हमारे साथ इस नयी मंज़िल पे।

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Nirvi

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