जल्दी सफलता और जीत पाने के 5 महत्वपूर्ण (important) टिप्स

जीत और सफलता का सबूत

हम जब भी ‘सफलता’ शब्द सुनते हैं तब हमारे दिमाग में एक तस्वीर सी बनने लगती है। एक ऐसे लाइफस्टाइल की तस्वीर जिसमें हमारे पास हर सुख-सुविधा का साधन है। आज हमारे लिए जीत, सफलता, विजय, कामयाबी, सक्सेस, ये सारे शब्द हमारा ध्यान एक निश्चित लाइफस्टाइल की ओर आकर्षित करते हैं जिसमें हमारे पास किसी चीज़ की कोई कमी नहीं होती, हमारे पास पैसा होता है, हम फ़ेमस होते हैं और समाज में हमारा नाम होता है।

सफलता की परिभाषा 

तो क्या हमारी सुख-सुविधा की चीज़ें हमारे सफल होने का सबूत है? लेकिन पैसा या सुख-सुविधा की चीज़ें तो हमारे जीवन में नाजायज़ या ग़लत तरीके से भी आ सकती हैं? एक इन्सान ग़लत तरीके से भी तो फ़ेमस हो सकता है। तो फिर ‘सफलता’ आखिर है क्या? सफलता पाने के आसान 5 तरीके जानने से पहले हमें ‘सफलता’ की परिभाषा जानना होगा। हमें यह जानना होगा कि “कौन है एक सफल इन्सान?”

सही मायने में ‘सफल’ इन्सान वह व्यक्ति है जिसने अपने जीवन जीने के उद्देश्य को पा लिया है। सफलता कोई निश्चित लाइफस्टाइल या अपने पास किसी भौतिक वस्तु का होना या न होना नहीं कि कुछ टिप्स के सहारे हम उसे हासिल कर पाए बल्कि सफलता हमारे अपने जीवन जीने के उद्देश्य से जुड़ा है।

हमारे जीवन का उद्देश्य

हमारे जीवन का उद्देश्य इन 5 सवालों से जुड़ा है:-

1. हम इस धरती पर कहाँ से आए हैं?/ हमारे जीवन का स्रोत क्या है?

2. मृत्यु के बाद हम कहाँ जाते हैं?

3. हमारे जीवन का मतलब क्या है?/ हमने धरती पर क्यों जन्म लिया?

4. हमारे जीवन में अच्छा और बुरा क्या है?

5. जीवन में हमारा परिचय क्या है?

कोई भी ज्ञान-विज्ञान, या दर्शन या शास्त्र अगर इन पांचों सवालों के जवाब एक साथ सही तौर पर न दे पाए तो हमें कभी भी, सही तरह से अपने जीवन के उद्देश्य का पता नहीं चलेगा।

लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। परमेश्वर का वचन या शास्त्र यानि बाइबिल हमें हमारे जीवन के इन पांचों मूलभूत सवालों के जवाब देता है।

सफलता पाने के लिए टिप्स  

बाइबिल हमें बताती है कि हमारे जीवन का एक उद्देश्य है और वह हमें परमेश्वर से मिलता है। बाइबिल के अनुसार सफल इन्सान वही है जो अपने जीवन के उद्देश्य को जानता है। बाइबिल के अनुसार सफलता पाने के लिए हमें परमेश्वर को जानना होगा न कि टिप्स।

1. इस धरती पर हमें परमेश्वर ने रचा है। परमेश्वर ने इस दुनिया की सृष्टि की और उसने ही हमें बनाया है। परमेश्वर हमारे जीवन का स्रोत है।

2. मृत्यु के बाद भी हमें परमेश्वर के सामने ही खड़ा होना होगा।

3. हमने धरती पर जन्म लिया है ताकि हम परमेश्वर को जान पाएँ।

4. अपने जीवन में हमें अच्छे और बुरे का ज्ञान परमेश्वर से मिलता है।

5. हमारा असली परिचय यही है कि हम परमेश्वर की छवि में बनाए गए हैं जिससे हम उसकी महिमा को इस दुनिया में दिखा पाए।

जो कोई भी व्यक्ति इन 5 बातों को जानता है वही इन्सान सही मायने में सफल है।

अगर ‘जीवन में सफलता’ को लेकर आपके मन में कोई सवाल है तो आप हमसे संपर्क कर सकते हैं।

Share
Published by
Nirvi

Recent Posts

आदतें अगर लत और मजबूरी बन जाए तो क्या करें?

क्या मेरी आदतें लत तो नहीं बन रही हैं? लगभग हर दिन मैं एक दोस्त…

1 month ago

मुझे हर वक्त थकावट रहती है 

क्या आप बिना कुछ काम किए भी हर समय थका हुआ महसूस करते हो? कई…

1 year ago

मनोकामना पूरी होने के संकेत

आपने अपनी मनोकामना को पूरी करने के लिए क्या क्या किया है? हम अपनी मनोकामना…

1 year ago

आप प्यार और पैसे में से क्या चुनोगे?

प्यार के बिना ज़िंदगी का कोई मतलब नहीं है पर यह भी सच है कि…

1 year ago

क्या कर्म करने से मेरी क़िस्मत बदल सकती है?

“क़िस्मत का लिखा कोई नहीं मिटा सकता।” “ये तो नसीबों की बात है।” क्या हमारी…

2 years ago

अपने भविष्य की अच्छी योजना कैसे बनाएँ?

ये बात सच है कि "कल किसने देखा है" पर भविष्य की तैयारी और योजना…

2 years ago