बच्चों के साथ सेक्स के बारे में कैसे बात करें?

मैं अपने बच्चों के साथ सेक्स के बारे में कैसे बात करुँ ?

यह सवाल हर एक माता-पिता के ज़हन में होता है। आज की दुनिया में जब सेक्स और सेन्शुयेलिटी या कामुकता को टेलीविज़न के माध्यम से घर-घर में लोगों तक पहुँचाया जा रहा है और इन्टरनेट के द्वारा हमारे कम्प्यूटर और स्मार्टफ़ोन में एक खाने की चीज़ की तरह परोसा जा रहा है तब यह सवाल और ज़्यादा ज़रूरी हो जाता है।

“मैं अपने बच्चों के साथ सेक्स के बारे में कैसे बात करुँ ?”

यह सवाल मेरे एक दोस्त ने मुझसे पूछा जो एक 14 साल की उम्र के लड़के का पिता है। डिजिटल स्क्रीन (टेलीविज़न, कम्प्यूटर या स्मार्टफ़ोन) में फ़ैली अश्लीलता और कामुकता के विषय में वो चिंतित था क्योंकि उनका लड़का डिजिटली काफ़ी एक्टिव है।

मैंनें अपने दोस्त को समझाया की अपने बेटे के साथ वह सेक्स के बारे में सामान्य तरीके से बात करे। उनके बेटे की इस कच्ची उम्र में ही सेक्स के बारे में नॉर्मल तरीके से बात करने पर चीज़ें सामान्य होंगी, न कि इससे दूर भागने से। इससे वह बच्चा सेक्स के बारे में सही जानकारी पायेगा और सेक्स का सही मतलब समझेगा। ऐसा न करने पर वह बच्चा सेक्स की ग़लत धारणा और अश्लीलता अपने मन में बैठा लेगा जो कि यह डिजिटल दुनिया उसे दिखा रही है।

क्या सेक्स पाप है ?

यह सवाल हमारे मन में तभी आता है जब हमने सेक्स को ग़लत नज़रिए से, अश्लीलता से देखा है। क्योंकि सेक्स अगर पाप होता तो हमारा वजूद भी ग़लत होता। बॉलीवुड और हॉलीवुड की फ़िल्मों ने सेक्स को जैसे पर्दे पर दिखाया है, वो सेक्स नहीं है। सेक्स हमारी वासनाओं का विषय नहीं।

सेक्स बिल्कुल नैचुरल चीज़ है जिससे लोग अपने वंश को आगे बढ़ाते हैं। सेक्स से जुड़ा सुख पति-पत्नी के प्रेम को दर्शाता है जो कि एक परिवार का रुप लेती है। यह पाप नहीं, बल्कि बिल्कुल आम बात है क्योंकि यह प्राकृतिक है और दुनिया में हमारे वजूद का ज़रिया है।

सेक्स एजुकेशन: पोर्न

भारतीय समाज में सेक्स एजुकेशन बहुत ज़रुरी है क्योंकि इसके बिना बच्चे अपने मन में सेक्स को लेकर ग़लत सोच रखते हैं। हमने अक्सर यह भी देखा है कि माता-पिता भी इस बारे में बच्चों से बात करने में कतराते हैं और सेक्स एजुकेशन को ज़्यादा महत्व नहीं देते। हमारे समाज और परिवार में ‘सेक्स’ एक ऐसा विषय है जिस पर ख़ुलेआम बात करना वर्जित है और यही सारी समस्याओं का कारण है।

इसी कारण से ज़्यादातर बच्चे पॉर्नोग्राफ़ी और हस्तमैथुन की ग़लत आदतों से जूझते हैं और और इसके बारे में किसी से बात नहीं करते। आज भले ही काफ़ी स्कूलों और कॉलेजों में सेक्स एजुकेशन दिया जा रहा है पर जब तक हम अपने परिवार में, अपने बच्चों के साथ इस बारे में बिना हिचकिचाहट के, सामान्य रुप से बात नहीं करेंगे, तब तक यह प्रॉब्लम जैसी की तैसी बनी रहेगी।

अगर आप भी मेरे उस दोस्त की तरह अपने परिवार में अपने बच्चों के साथ इस बारे में बात करना चाहते हैं तो ज़रुर हमसे सम्पर्क करें।

बात करने के कुछ प्रैक्टिकल और कारग़र टिप्स

1. अपने बच्चे से पूछें कि सेक्स के बारे में उन्हें कहाँ से पता चलता है।

2. अपने बच्चे कि कच्ची उम्र में ही उसके साथ यह बात करना शुरु कीजिए और प्रायः इस बारे में डिस्कस कीजिए।

3. अपने बच्चों को सेक्स के बारे में छोटे-छोटे इन्फ़ॉर्मेशन दीजिए और उन्हें इस बारे में सोचने का वक्त दीजिए।

4. अपने बच्चों की राय को भी सुनिए।

5. जवाब देने के लिए हमेशा तैयार रहिए।

6. उनसे सवाल पूछिए।

7.  बच्चे टी.वी. पर जो कुछ भी देखते हैं या जो भी गाने सुनते हैं, वहाँ से बातों को शुरु कीजिए।

8. ईमानदारी से बात कीजिए, बिना किसी हिचकिचाहट के।

9. दूसरे बच्चों के माता-पिता से भी इस बारे में राय लीजिए।

अगर आप भी मेरे उस दोस्त की तरह अपने परिवार में अपने बच्चों के साथ इस बारे में बात करना चाहते हैं तो ज़रुर हमसे chat करें।

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Nirvi

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