हम अक्सर अपनी मानसिक थकान पर ध्यान नहीं देते। अपने मानसिक स्वास्थ्य को लेकर हमारे कान पर जूं भी नहीं रेंगती है पर क्या आप जानते हैं कि ये आपके लिए कितना हानिकारक हो सकता है? तो इससे बाहर निकलने का क्या समाधान है?
जिंदगी बहुत हसीन है मगर मानसिक थकान के कारण बहुत से लोग इसे एन्जॉय नहीं कर पाते। और बड़े दुख की बात है कि आज के दौर में, सिर्फ बड़े नहीं, बल्कि बच्चे भी मानसिक थकान का शिकार हो रहे हैं।
मानसिक थकान के कई कारण होते हैं जैसे काम का स्ट्रेस, रिश्तों में उलझन, भविष्य की चिंता, नींद पूरी न होना इत्यादि। ऐसी बहुत सारी बातें मानसिक थकान का कारण बनती हैं। और जब हम मानसिक रूप से थके हुए होते हैं, तो हम शारीरिक रूप से भी थका हुआ महसूस करते हैं। यह सब दिमाग में है। हमारा शरीर हमारे मन की स्थिति के आधार पर काम करता है।
क्या आपने कभी गौर किया है कि जिस दिन आप किसी बात को लेकर खुश या उत्साहित होते हैं, उस दिन आपको अपने शरीर में एक ऊर्जा महसूस होती है जिस से आप पूरे दिन एक्टिव फील करते हैं। लेकिन जिस दिन आप सुस्त और उदास महसूस करते हैं, आपका शरीर भी कमजोर और आलसी हो जाता है और आपका कोई काम करने का मन नहीं करता है। जब हम जीवन की चिंताओं और विभिन्न भावनाओं से अभिभूत होते हैं, तो हमें मानसिक थकान होने लगती है।
लोग आपको रास्ता दिखा सकते हैं या आपकी थोड़ी मदद कर सकते हैं लेकिन यह मानसिक थकान को दूर करने का प्रयास आप ही को करना है। पर यह कैसे करें?
पहली बात सबसे पहले, अपने विचारों को सही और सकारात्मक रखें और सकारात्मक विचारों के साथ अपनी परिस्थितियों से निपटें।
जब हमारे जीवन में चीजें अच्छी नहीं चल रही होती हैं, तो हमारे विचार कभी-कभी अपने आप इतने नकारात्मक हो जाते हैं कि हमें लगने लगता है कि चीजें और खराब हो जाएंगी। ऐसी स्थितियों में, सकारात्मक विचारों के साथ नकारात्मक विचारों का मुकाबला करें। अपने दृष्टिकोण को बदलें। चीजों को सकारात्मक नज़रिए से देखें।
कल्पना कीजिए कि आपकी स्थिति बेहतर होती जा रही है और जब हम ऐसा करते हैं तो हमारे विचार अपने आप बदल जाते हैं और सकारात्मक हो जाते हैं। ये मुश्किल नहीं है। आप करके देखें। आप इसे फायदेमंद पाएंगे।
मानसिक थकान हमें जीवन में आगे बढ़ने से रोकती है। शोधकर्ताओं के अनुसार, मानसिक थकान हमारी इम्यून सिस्टम को कमजोर कर देती है और कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनती है।
हर कोई अपना जीवन बनाने, अपने सपनों को पूरा करने, पढ़ाई, और न जाने क्या-क्या करने में व्यस्त हैं। और ये सब करते-करते जब वे थक जाते हैं, तो वे थोड़ा आराम करते हैं, अपने काम से थोड़ा ब्रेक ले लेते हैं, या फिर छुटियों पर चले जाते हैं। और जब वे वापस लौटते हैं, तो वे तरोताजा महसूस करते हैं और अधिक खुशी और शक्ति के साथ, वे अपने काम और पढ़ाई को फिर से शुरू करते हैं।
मगर, जब मानसिक थकान महसूस होती है, तब बहुत लोगो को नहीं समझ आता की वे क्या करें। और कहीं लोग मानसिक थकान से झूझते-झूझते इतना थक जाते हैं की वो आखिर में हार मान जाते हैं।
बाइबिल में प्रभु यीशु मसीह हमें बताते हैं कि “अपनी सारी चिंता मुझ पर डाल दो, क्योंकि मुझे तुम्हारा ध्यान है।” अगर आपको मदद की ज़रूरत है तो नयिमंज़िल से बात करें।
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