मृत्यू क्या है? जाने जीवन का अटल सत्य

मृत्यु के बाद जीवन: पुनर्जन्म?

मृत्यु’ या ‘मौत‘…इस शब्द को सुनते ही हमारा मन काँप सा जाता है। आख़िरकार मृत्यु एक सच्चाई है पर फिर भी इस सच्चाई का सामना हम करना नहीं चाहते।

किसी शायर ने ख़ूब कहा है – “ये दुनिया, ये शोहरत, ये जवानी, ये दौलत…ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है…”। इसके मायने यही है कि सब कुछ अगर मिल भी जाए तो क्या फ़र्क पड़ेगा क्योंकि हम ख़ाली हाथ आए थे और ख़ाली हाथ ही जाएँगे। वो सब कुछ जिसे हम अपना समझते हैं वो सब कुछ हमें यहीं छोड़ जाना होगा।     

लेकिन सवाल ये है कि मरने के बाद हम कहाँ जाते हैं? मरने के बाद का सच क्या है?

बहुत से लोग, बहुत सी बातें कहते हैं। अलग-अलग धर्म, फ़लसफ़े, पंथ, दर्शन, शास्त्र, किताबें कई अलग-अलग तरह कि थ्योरी देते हैं पर तथ्य क्या है?

यह हमें सिर्फ़ पवित्र शास्त्र बाइबल में ही मिलता है। जी हाँ…बाइबल में…मरने के बाद का सच है। बाइबल कहती है कि मरने के बाद हमारा वजूद ख़त्म नहीं होता। सिर्फ़ हमारा शरीर मरता है, पर आत्मा नहीं। इसलिए हम किसी के मरने पर कहते हैं, “वह चल बसा, यह तो उसकी लाश पड़ी है या ये उसका शरीर है…”।

मरने के बाद की ज़िन्दगी

मरने के बाद लोग एक दूसरी ज़िंदगी जीते हैं यह बाइबिल बताती है। बॉलीवुड का एक पुराना गाना आज भी लोग जानते हैं। उस गाने के बोल हैं – “सजन रे झूठ मत बोलो, ख़ुदा के पास जाना है, न हाथी है न घोड़ा है, वहाँ पैदल ही जाना है”।

आपने सही सुना…मरने के बाद हम सब को परमेश्वर का या ख़ुदा का सामना करना पड़ेगा। हमारी दूसरी ज़िंदगी मरने के बाद ही शुरु होती है जो कि अनन्त काल की है।

आख़िर मृत्यु के बाद का यह अनुभव कैसा होता है ?

बाइबिल बताती है कि मौत के बाद हमारी आत्मा इस दूसरे अनन्त काल के जीवन का अनुभव करती है। दुनिया में रहते हुए हमने जो जीवन बिताया उसका लेखा-जोखा और हिसाब-किताब हमें परमेश्वर को देना पड़ता है;  इस जगत में रहते हुए हर एक बात जो हमने सोची, अनुभव की, कही या जो कुछ भी हमने किया, वो सब…

मौत के बाद के इस जीवन की पुष्टि कई मनोवैग्यानिकों ने की है। डॉ. मॉरिस रॉलिंग्स ने अपनी किताब ‘बियॉंड डेथ्स डोर’ यानि ‘मृत्यु के द्वार के परे’, में इस बात का ज़िक्र किया है।

बाइबिल के मुताबिक ग़ौर करने वाली बात यह है कि अगर हमने दुनिया में रहने के दौरान यीशु मसीह पर अपना विश्वास रखा है तो हम शारिरिक मौत के बाद स्वर्ग में परमेश्वर के साथ होंगे। ऐसा न होने पर हम मौत के बाद परमेश्वर से हमेशा के लिए अलग हो जाएँ।

कुछ ऐसी ही बात यीशु मसीह ने अपने चेलों को कही। यह हमें बाइबिल में मिलती है। यीशु मसीह कहते हैं, “तुम्हारा मन व्याकुल न हो, परमेश्वर पर विश्वास रखो और मुझ पर भी विश्वास रखो। मेरे पिता के घर में बहुत से रहने के स्थान हैं, यदि न होते तो मैं तुमसे कह देता, क्योंकि मैं तुम्हारे लिए जगह तैयार करने जाता हूँ। और यदि मैं जाकर तुम्हारे लिए जगह तैयार करुँ, तो फिर आकर तुम्हें अपने यहाँ ले जाऊँगा कि जहाँ मैं रहूँ वहाँ तुम भी रहो। जहाँ मैं जाता हूँ तुम वहाँ का मार्ग जानते हो।” थोमा (यीशु के एक शिष्य) ने उनसे कहा, “हे प्रभु, हम नहीं जानते कि तू कहाँ जा रहा है, तो मार्ग कैसे जानें ?” यीशु ने उससे कहा, “मार्ग और सत्य और जीवन मैं ही हूँ, बिना मेरे द्वारा कोई पिता के पास नहीं पहुँच सकता।”

यीशु ने साफ़-साफ़ कहा कि उनके बिना हम पिता परमेश्वर के पास नहीं पहुँच सकते।

अगर यह बात है तो फिर मृत्यु के बाद जीवन का प्रमाण क्या है ?

मृत्यु के बाद जीवन का प्रमाण खुद यीशु मसीह हैं जो कि अपने मौत के तीन दिन बाद जी उठे और अपने चेलों से मिले तथा 500 से अधिक लोगों को दिखाई दिए। इस बात कि तथ्यात्मक पुष्टि बाइबिल करती है जो अपने-आप में एक प्रमाणित और विश्वासयोग्य किताब है।

अगर आप मृत्यु के बाद जीवन और उससे जुड़ी बातों को और अधिक जानना चाहते हैं तो हमसे संपर्क कर सकते हैं।


Share
Published by
Nirvi

Recent Posts

आदतें अगर लत और मजबूरी बन जाए तो क्या करें?

क्या मेरी आदतें लत तो नहीं बन रही हैं? लगभग हर दिन मैं एक दोस्त…

2 months ago

मुझे हर वक्त थकावट रहती है 

क्या आप बिना कुछ काम किए भी हर समय थका हुआ महसूस करते हो? कई…

1 year ago

मनोकामना पूरी होने के संकेत

आपने अपनी मनोकामना को पूरी करने के लिए क्या क्या किया है? हम अपनी मनोकामना…

1 year ago

आप प्यार और पैसे में से क्या चुनोगे?

प्यार के बिना ज़िंदगी का कोई मतलब नहीं है पर यह भी सच है कि…

2 years ago

क्या कर्म करने से मेरी क़िस्मत बदल सकती है?

“क़िस्मत का लिखा कोई नहीं मिटा सकता।” “ये तो नसीबों की बात है।” क्या हमारी…

2 years ago

अपने भविष्य की अच्छी योजना कैसे बनाएँ?

ये बात सच है कि "कल किसने देखा है" पर भविष्य की तैयारी और योजना…

2 years ago