सही राह की तलाश: नाकामयाबी से कामयाबी की ओर

“मंजिल को पाना बस उनकी किस्मत नहीं थी,

पता लगा कि वह सही राह को ढूंढ रहे थे 

और हर दिन उस पर चला करते थे।”

कितनी साफ और खरी कहावत है यह जो कहती है कि सही राह को चुनना और उस पर चलना ही एक शख्स को उसकी मंजिल तक पहुंचाती है। मंजिल तक पहुंचने के लिए राहें तो बहुत हैं; किस राह को पकड़े और किस राह को छोड़ें? किसको प्राथमिकता दे? कैसे चुनाव करे?

सही राह क्या है? कैसे करें सही राह की तलाश?  

राह जो आपको आपकी मंजिल तक ले जाए?  राह जो आपको सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचाए, राह जो आपको आपकी खुशियों तक पहुंचाए, जो आपको हर दिन सिखाए और एक सफल इंसान के साथ साथ आपको एक बेहतर इन्सान बनाए। वही सही राह है।

भला वह कौन सा मनुष्य है जो खुशियां नहीं चाहता? अपनी मंजिल तक पहुँचना नहीं चाहता? सभी कामयाब होना चाहते हैं! पर अक्सर मंजिल तक वही लोग पहुंचते हैं जिनका कोई लक्ष्य होता है, जिनका कोई मक्सद होता है और एक “लक्ष्य” ही “सही राह” को जन्म देता है जो अंत में आपको आपकी मंजिल तक पहुंचाता है।

आप ज़रा इसे पढ़ने के बाद 1 मिनट के लिए अपनी आंखें बंद करें और अपने आप से पूछें कि आपका लक्ष्य क्या है? आप अपनी जिंदगी में क्या करना चाहते हैं? क्या बनना चाहते हैं? और यदि आप नहीं जानते कि आपका लक्ष्य क्या है तो यह साफ है कि आप के जीवन की कोई राह नहीं है, कोई मक्सद नहीं है, कोई डायरेक्शन नहीं है।

क्या है आपके सपने: सफलता की राह

यदि आपके सच में कुछ सपने हैं:

* तो उन सपनों को अपने जीवन का लक्ष्य बना ले

* और जब आप अपना लक्ष्य चुन ले फिर यह सोचे कि इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए मैं क्या करूं?

* एक लीस्ट बना ले और उस पर अपनी उन चीज़ो और कामों को लिखिए जिन को प्राथमिकता देने से आप अपने लक्ष्य को पूरा कर पाएंगे।

* इन प्राथमिकताओं को हर दिन दोहराए कि यह आप की प्रतिदिन की आदत बन जाए क्योंकि यह प्राथमिकताँए वह राह है जो आपको आपके लक्ष्य, आपकी मंजिल तक पहुंचाएगी।

यदि मनुष्य के जीवन की ओर देखा जाए तो हर एक मनुष्य की आयु वर्ग के अनुसार उसका लक्ष्य, उसकी प्राथमिकता, उसकी राहें अलग हैं जैसे कि यदि एक स्कूल जाने वाले बच्चे की प्राथमिकता पढ़ाई करना, अच्छे नंबरों को लाना और एक जवान की प्राथमिकता, उसका लक्ष्य अपने करियर में सफल होना, एक अच्छी नौकरी मिलना है और यह दोनों जन यदि अपने लक्ष्य की राह से भटक जाए तो कभी भी अपने लक्ष्य में सफल नहीं हो पाएंगे।

एक लक्ष्य और उस लक्ष्य की राह पर चलने का महत्व कितना जरूरी है यह हम उस मनुष्य से बहुत अच्छे तरीके से जान सकते हैं जिसने सही समय पर अपने जीवन के लक्ष्य को, उसकी राह पर चलने को प्राथमिकता नहीं दी और सही समय निकल जाने से अब उसके पास पछतावा है।

सही राह :नाकामयाबी से कामयाबी की ओर

अपने लक्ष्य को पाने की राह में चलते चलते यदि आप नाकामयाब भी हो जाए तो हार न माने, निराश न हो, हिम्मत करें! अपनी राह को थामे राहें और उस पर चलते रहें क्योंकि यदि आप नाकामयाब होने के बावजूद भी आप अपने लक्ष्य की राह पर चलते रहेंगे तो आपको कामयाब होने से फिर कोई नहीं रोक पाएगा। इसलिए धीरज रखें और अपने लक्ष्य की ओर देखते हुए अपनी राह पर चलते रहें।

अपने लक्ष्य की राह पर चलते हुए यदि आप को निराशा का सामना करने पड़े, सवालों का सामना करना पड़े, कन्फ्यूजन का सामना करना पड़े “तो घबराएं न” अपना कॉन्फिडेंस कम ना करें। ऐसे सवालों का आपके दिमाग में आना एक आम बात है।  

इसलिए आप प्रतिदिन अपने मन को अपने लक्ष्य की ओर ध्यान केंद्रित करने के लिए उत्साहित करें, अपने परिवार से प्रोत्साहन ले, अपने आपको उन लोगों के बीच में रखें जो आपको आपके लक्ष्य की राह पर चलने के लिए उत्साहित करें और अपने लक्ष्य को पाने की राह पर चलते रहें, अपने आप पर विश्वास करें कि आप इस लक्ष्य को पूरा कर सकते हैं क्योंकि यदि आप अपने लक्ष्य की राह पर चल रहे हैं तो वह दिन दूर नहीं जब आप अपनी सफलता का स्वाद चख रहे होगे।

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Nirvi

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