आज के जमाने में हम सभी को आत्मनिर्भर बनने की ज़रूरत क्यों है? क्या है आत्मनिर्भर होने का सही मतलब और इसके फैयदे? आइए जाने
आज कल हम यह शब्द आदिकतर सुन रहे है आत्मनिर्भर/ इडिपेंडेंट। बल्कि नरेंद्र मोदी जी भी यही कह रहे है इन्ह दिनों में कि भारत को आत्मनिर्भर बनना चाहिए। अपने घर की जिम्मेदारी यह अपनी खुद की ज़िमेदारी है। आत्मनिर्भर का सरल भाषा मे अर्थ है – स्वयं पर/ खुद पर निर्भर (आधारित) रहना ; अपने पैरों पर खड़े रहना ; किसी दूसरे पर निर्भर न रहना।
आत्मनिर्भरता का अगर हम जीता जागता उदारहण देखे तो आकाश के पक्षियों को देखना चाहिये। जैसे ही वह बड़े हो जाते है तब वह अपना गोसला छोड़कर आसमान में उड़ते है जहाँ पर उनको जिन्होंने जन्म दिया है वह साथ नही रहते। पर वह अपना खुद का गुजारा खुद देखते है। अपनी ख़ुद की देखभाल खुद करते है।
आत्मनिर्भर होना यह शब्द सिर्फ फिलाल देश ही नही कह रहा है। पर यह कुछ घर घर की कहानी भी है। हमने ऐसे कही घर देखे होंगे जहाँ माता पिता अपने बच्चों को हर एक बेस्ट चीजे देते है और इसमें कोई बुरी बात नही है। पर उस कारण कुछ बच्चे बड़े होने के बाद भी अपने माता पिता पे ही निर्भर रहते है। उनको सोचने समझने और जीने का तरीका भी नही आता है। क्योंकि उन्हें आत्मनिर्भर बनने की जरूरत ही कभी नही पड़ी। और भी ऐसी बहोत सी बाते अपने देखी होंगी आपके आसपास और उसे देख कर लगता होगा आत्मनिर्भर होना कितना जरुरी है। जैसे कि कुछ स्त्रियां बचपन मे पीता पे, शादी के बाद पति पे और बुढ़ापे में बच्चो पे निर्भर रहती है। मेहनत तो वो हर उम्र में करती है पर उसकी खुद की कोई पहचान नही बनती। उसके सलाह को कोई मोल नही देता।
और कभी कभी उन्ह लोगो के साथ ऐसा कुछ हादसा होता है जो दूसरों पे निर्भर है। उन्हें आत्मनिर्भर बनना पड़ता है। यह ऐसा किस्सा हुआ जैसे पानी में एक आदमी के डूबने के बाद अपनी जान बचाने के लिए तैयरना सिखना।
आत्मनिर्भरता के लिए यह गुण अनिवार्य है।
आत्मनिर्भर होना आज़ादी से जीवन जीना सिखाता है। और एक महत्वपूर्ण बात यह हे दुनियाभर में अभी भी कई लोग पाप के कारण शैतान के जाल में जकड़े हुए है। पर येशू मसिह आये क्योंकि सभी को पापो से छुटकारा मिले और वह लोग आजादी का जीवन जी सके। अगर आप आत्मनिर्भर के बारे में बातचीत करना चाहते हो और जानना चाहते हो तो हमसे नयी मंजिल पर सम्पर्क कीजिये।
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