हमने अक्सर देखा है की शादी के विज्ञापन में साफ़ साफ़ शब्दों में लिखा होता है कि वर को एक सुंदर, पतली, लम्बी और गोरी वधु चाहिए। कई बार बॉडी शमिंग में चेहरे का रंग, नाक, होठ, कद, वजन पर टिपण्णी करने वाले को एहसास तक नहीं होता की बॉडी शमिंग एक गंभीर समस्या है।
शरीर के आकार या आकार के बारे में अपमानजनक कामेंट्स करके किसी को अपमानित करने को हम बॉडी शमिंग कहते है। बॉडी शमिंग में ज्यादातर महिलाओं पर बहुत दबाव होता है, खासकर भारत में।
जब मैं 15 साल की थी तो अचानक से मेरा वजन बढ़ने लगा था। मैं मोटापे की ओर बढ़ गयी और ‘मोटी’ का शीर्षक मुझे मिल गया। कई बार मुझे अपने पसंद के कपड़े नहीं मिलते थे जिसका मुझे बहुत बुरा लगता था। कुछ समय के बाद मुझे थाइरोइड की बिमारी हो गयी। भारत में 42 मिलियन लोगों को यह बिमारी है, जो दस में से एक को प्रभावित करता है। मुझे मोटापे की वजह से होने वाली बॉडी शमिंग के कारण बहुत समय तक तनाव से गुजरना पड़ा। हम सब की यह कोशिश होनी चाहिए की हम इस विषय को गंभीर समझे और अपने विचारों में बदलाव लाए।
बाइबिल के पनने पलटते वक़्त एक दिन मैंने एक वचन पढ़ा “मेरी दृष्टि में तुम अनमोल और प्रतिष्ठित ठहरे हो और मैं तुझ से प्रेम रखता हूँ”। यह बात मुझे छू गयी कि मैं जैसी हूँ वैसे रूप में ही परमेश्वर मुझसे प्रेम करता है बिना किसी शर्त के !
फिर मैंने अपने आस पास सारी वस्तुओ को देखा; पेड़, पहाड़, फूल, आकाश, आकाश में उड़ने वाले पंछी और वोह सब कुछ जो श्रृष्टि का हिस्सा है कितने सुंदर हैं। वे तो कभी आपस में एक दूसरे से किसी बात की शिकायत नहीं करते और ना किसी की बुराई करते है। वे तो बस सिरजनहार परमेश्वर की स्तुति करते है। परमेश्वर स्वयं चाहता है कि हम शरीर से ज्यादा अपनी आत्मा की चिंता करे क्योंकि शरीर तो एक दिन मिट्टी में मिल जायेगा।
यदि मनुष्य सारे जगत को प्राप्त करे और अपने प्राण की हानि उठाए, तो उसे क्या लाभ होगा?
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