Covid-19 ने हमारी कई दैनिक दिनचर्या को एक तरह से बदल दिया है, जिसका किसी को अनुमान नहीं है। कोरोना, मास्क, आइसोलेशन, सैनिटाइज़र, वैक्सीन इन सब शब्दों से आज कल हमारी ज़िन्दगी घिरी हुई है। हम सब अपनी सेहत को लेकर अब ज्यादा ध्यान देते हैं। पहले पत्नी अपने पति को बटुआ साथ ले जाने को याद दिलाती थी, अब पहले मास्क लिया की नहीं यह पूछती है।
अमिताभ बच्चन की भारी आवाज़ हमे बार बार याद दिलाती है,”जब तक दवाई नहीं ; तब तक ढिलाई नहीं”। कुछ चीजों में हम सफल रहे और कुछ में कोशिश जारी है। पूरी दुनिया इस बिमारी से लड़ने में एक जूट हो गयी है। हम सबने खूब दिए भी जलाए और ‘गो कोरोनो गो’ के जमकर नारे भी लगाए।
इन छोटी बातों को ध्यान रखते हुए हम ये कोशिश करेंगे कि इस बिमारी से हमे जल्द ही छुटकारा मिल जाए। 2020 में ऐसे बहुत परिवार थे जिन्होंने इस बिमारी के चलते अपने प्रियजनों को खो दिया। इस बिमारी ने हमे यह सबक दिया की मृत्यु अमीरी- गरीबी देखकर नहीं आती। मैंने एक बात तो समझ ली है कि मृत्यु तो निश्चिंत आयेगी लेकिन मृत्यु के भय में जीना उससे भी ज्यादा खतरनाक है। प्रभु यीशु मसीह की बात मुझे बहुत तस्सली देती हैः पुनरुत्थान और जीवन मैं ही हूं, जो कोई मुझ पर विश्वास करता है वह यदि मर भी जाए, तौभी जीएगा।
परमेश्वर प्रभु यीशु मसीह मेरी रक्षा करता है और यह बात मुझे बड़ी शांति देती है। यह शांति प्रभु आपको भी दे।
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