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लिव-इन रिलेशनशिप | Live-in Relationship |

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 लिव-इन रिलेशनशिप: सही या ग़लत

“तलाकशुदा ज़िंदगी होने के बजाय लिव-इन रिलेशनशिप में रहना बेहतर है!” “शादी से पहले ये जानना ज़रूरी है कि हम लोग एक साथ रह सकते हैं या नहीं।”

यह दुनिया में लिव-इन संबंध रखने वालों के लिए ये एक आम लाइन है। पश्चिमी देशों के लिए लिव-इन रिलेशनशिप कोई नई बात नहीं है लेकिन इन दिनों ये इंडिया में भी काफ़ी आम बात होती जा रही है।

लिव-इन रिलेशनशिप में लोग बिना शादी के लम्बे समय तक एक दूसरे के साथ रह सकते हैं। दुनिया के कुछ हिस्सों में किसी को लिव-इन से कोई प्रॉब्लम नहीं है लेकिन कुछ देश इसके सख़्त विरूध हैं।

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“लिव-इन-रिलेशनशिप” के पीछे की मानसिकता क्या है?

शादी के बाद, हम यह नहीं जानते कि यह रिश्ता सफल होगा या नहीं? इसीलिए?

लेकिन यह पाया गया है कि लिव-इन रिलेशन को स्वीकार करने वाले लगभग सभी कपल्ज़ कभी ना कभी शादी करने के लिए तैयार हो जाते हैं। लेकिन वो शादी से पहले एक दूसरे को जानना चाहते हैं ताकि उन्हें शादी में समझोते का जीवन ना जीना पड़े।

इसके अलावा, कुछ couples का मानना ​​है कि शादी करना सिर्फ पैसे की बर्बादी है, क्योंकि उन्हें लगता है कि उनके प्यार को किसी कागज या शादी की जरूरत नहीं है। लिव-इन-रिलेशनशिप को लेकर सभी की अपनी अपनी सोच है।

लिव-इन की समस्याएं :-

a)  शादी से बाहर पैदा हुए बच्चे

2019 की जनगणना में 4 मिलियन सहवास करने वाले जोड़ों में से 2/5 बच्चे उनके साथ रह रहे थे। लेकिन ये जोड़े अक्सर बच्चे पैदा होने के बाद अलग हो जाते हैं और बच्चों की देखभाल करने के लिए एक माता-पिता को छोड़ देते हैं, आमतौर पर माँ के पास। ऐसे बच्चे अपनी पहचान नहीं बना पाते और सारी लाइफ के लिए सिंगल पैरेंट फॅमिली का हिस्सा बन जाते हैं। कई कपल्स ऐसे बच्चों को अनाथ आश्रम में भी छोड़ आते हैं।

b)  तलाक की सम्भावना

कुछ couples ये जानना चाहते हैं कि वो compatible है या नहीं। पर USA टुडे ने एक अध्ययन में बताया है कि जो जोड़े शादी से पहले साथ रहते हैं, उनमें तलाक की संभावना 50% अधिक होती है। शादी का रिश्ते एक कमिट्मेंट है, आप कितने भी अलग हों पर आप अपने डिफ़्रेन्सेज़ पे काम कर सकते हैं। 

c)  यौन संबंधों पर प्रभाव

शादी के बिना एक साथ रहना “Free Sex” आंदोलन का एक परिणाम है। शादी में सेक्स का मतलब सिर्फ़ फ़िज़िकल होना नहीं है, इसमें भावनाएँ और intimacy भी होती है। और जब ये रिश्ता टूटता है तो ये आपको हर तरह से तकलीफ़ पहुँचाता है। 

रिश्ते की सच्चाई

बाइबिल स्पष्ट रूप से व्यभिचार और शादी से पहले यौन संबंधों में सहमति नहीं देती है। बाइबिल विवाह को एक पुरुष और एक महिला के बीच एक शुद्ध और वचनबंध रिश्ते के रूप में बयान करती है जिसे ईश्वर ने स्वीकारा और बनाया है। इसके अलावा, ईश्वर ने शादी को दो लोगों, एक पुरुष और एक महिला के बीच में बनाया है। यीशु ने कहा कि इसे स्थायी होना है (मरकुस 10: 7-9 – ‘इसलिए मनुष्य अपने पिता और माता को छोड़ देगा और अपनी पत्नी के साथ जूड़ जाएगा और दोनों एक मांस बन जाएंगे। और इसलिए जिन्हें परमेश्वर ने जोड़ा है उसे कोई अलग ना करे।’

हमने सबूतों को देखकर शुरू किया कि शादी के बिना साथ रहना बहुत सी समस्याएं पैदा करता है। उनमे से एक प्रमुख कारण यह है कि शादीशुदा लोग एक दूसरे के लिए लाइफ टाइम कमिटेड रहते हैं और उनका लक्ष्य बहुत साफ़ होता है। लेकिन अविवाहित लोग ऐसी कोई कमिटमेंट नहीं रखते हैं! शादी का रिश्ता बहुत ही पवित्र है और इस रिश्ते में रहकर ही हम एक अच्छे परिवार की नीव और नियम बना सकते हैं। अगर आप इसके बारे में और जानना चाहते हैं तो नयी मंज़िल से सम्पर्क करें।

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