प्यार

आपका जीवनसाथी कौन है? क्या आपको सच्चे प्यार की तलाश है?

आपका जीवनसाथी कौन है?

“मुझसे मोहब्बत का इज़हार करता, काश कोई लड़का मुझे प्यार करता!”, “मेरी मांग में चांद तारे सजाता, जब मैं रूठ जाती तो वह मुझे मनाता!” या फिर “मेरे सपनों की रानी कब आएगी तू”, ऐसे कई गीत हम सुनते रहते हैं।

पर्दे पर के किरदार भी हमारे ज़हन में एक जगह बना चुके हैं, फिर चाहे वह राज की सिमरन, रोमियो की जूलियट या फिर टाइटैनिक के जैक और रोज हो। क्या सच में ‘सोलमेट’, ‘मन का मीत’, ‘जीवनसाथी’ जैसा कुछ वास्तव में होता है?

                               

आप क्या सोचते हैं कौन है जीवनसाथी?

क्या वह जो आपके दिल की बात बस चेहरे से पढ़ लेता हो, आपके हाथ में जब आपका हाथ रखे तो लगे के
जैसे हिम्मत सी बंध गई हो, जिसके कंधे पर अगर रोने का मन करे तो उससे ज़्यादा तसल्ली देने वाली कोई बात ना हो, या फिर वह जिसके साथ घंटों भी कुछ पल के बराबर लगें और दिन और रात तक का ख्याल ना रहे।

ऐसा कई लोगों ने महसूस किया और फिर शादी करने में देरी नहीं की। उन्हें तो अपना जीवन साथी मिल गया। आप ये मानते हैं कि मेरासोलमेटकहीं ना कहीं ज़रूर होगा और इस बात पर अपनी मोहर लगा लेते हैं कि दुनिया में एक ऐसा व्यक्ति ज़रूर है जिसके साथ बस मेरा ही साथ लिखा है और वह उस फ्रेम में फिट होगा!

मुस्कुराने वाली बात तो है कि आप और मैं कहीं ना कहीं यह बात मान चुके हैं कि यह संभव नहीं है। कोई भी परफेक्ट नहीं है। ना शादी से पहले और ना शादी के बाद। यह बात समझने वाली है कि किसी भी रिश्ते को शुरू होने में देर नहीं लगती पर असली युद्ध तो उसके बाद शुरू होता है। एक रिश्ते को बनाकर रखने में परिश्रम, बलिदान और निस्वार्थ की आवश्यकता होती है। सिर्फ राइट या लेफ्ट स्वाइप करने से मिस्टर/ मिसेस राइट नहीं मिल जाता।

किसी को हराना कोई बड़ी बात नहीं,
जिंदगी गुजर जाती है दिल जीतने में
– डॉ एपीजे अब्दुल कलाम

कुछ अनमोल और प्रेरणादायक विचार:

  • एक परफेक्ट साथी ढूंढने के बजाय स्वयं एक परफेक्ट मैच होने की कोशिश करें।
  • नसीब में कोई बेहतर हो सकता है यह सोचकर मौजूदा रिश्ते में कमी ना देखें
  • सच्चा साथी वह है जो हर हाल में, दुख और सुख दोनों में साथ निभाए।
  • किसी भी रिलेशनशिप में जुड़ने की जल्दबाज़ी ना करें।
  • सुंदरता अच्छी है; चेहरे के साथ मन भी सुंदर हो।

यह सब करने पर भी सच्चाई यह है कि आपको अगर मन का मीत मिल भी जाए तो शादी सफल होगी या नहीं इसकी कोई गारंटी नहीं ले सकताऔर यह बात भी निश्चित है कि कोई धर्म ऐसा नहीं जिसमे शादी ना टूटी होतो आखिर मेरा जीवन साथी कौन और कैसा होयह कौन बता सकता है!

बाइबिल के अनुसार पहली शादी की नींव परमेश्वर ने रखी तो क्यो ना हम उसी चीज को फॉलो करने में समझदारी समझे।
क्या कोई भी मेट्रोमोनियल उतनी डिटेल्स जानती होगी जो परमेश्वर जानता हो जिसने आपको और आपके साथी दोनों की रचना की है। अगर दो व्यक्ति जो अलग स्वभाव के हो लेकिन परमेश्वर द्वारा जोड़े जाएं तो वह निश्चित कह सकते हैं कि इससे अच्छा तो ढूंढने पर भी नहीं मिलता। परमेश्वर उन्हें एक दूसरे के लिए परफेक्ट बना सकता है।
बाइबिल का परमेश्वर यह कहता है कि, “जो कल्पनाएं मैं तुम्हारे विषय में करता हूं उन्हें मैं जानता हूं वह हानि की नहीं वरन कुशल की है और अंत में तुम्हारी आशा पूरी करूंगा”।

क्यों ना आप हमसे इस बारें में और बात करें?  हमे यहाँ लिखियें।चलिए हमारे साथ इस नयी मंज़िल पे।

                                     

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Nirvi

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