क्षमा क्यों करें? क्षमा कैसे करें? क्षमा करना क्यों ज़रूरी है? क्या ये कहना सही होगा कि "क्षमा करो-और जाओ भूल"? बाइबिल एक अनोखी क्षमा की सच्चाई बताती हैं। “सबने गुनहगारों को नजरों से जब गिरा दिया, तूने मसीह मेहरबान अपने गले लगा लिया।”
हम सभी उस इंसान से बदला लेना चाहते हैं जो हमारे साथ गलत करता है और हम उसके साथ हिसाब बराबर करना चाहते हैं।
क्षमा, चोट पहुंचाने वाले या अपराधी को माफ करने का कार्य है।
अगर हम बदले की भावना से उभर नहीं पाते तो हमारी चेतना क्रोध, नफरत और प्रतिशोध से खराब हो जाती हैं।
अक्टूबर 4, 2008 में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच क्रिकेट का मैच हुआ था। हौग की बॉल पर हमारे चैंपियन सचिन क्लीन बोल्ड हो गए। हौग बड़े खुश हुए यह तो अच्छी बात थी लेकिन अगले दिन वह सचिन के पास उनकी वह विकेट की तस्वीर लेकर पहुंचे और कहा कि वह उसे साइन करें। सचिन जो सज्जन माने जाते हैं, उन्होंने साइन किया लेकिन उसके नीचे लिख दिया “यह कभी वापस नहीं होगा हौग!”
ब्रैड हौग वापस कभी भी सचिन का विकेट नहीं ले पाए। यहाँ तक कि वह सचिन के पहले ही रिटायर्ड हो गए। यह था एक जेंटलमैन का बदला लेने का तरीका।
क्षमा क्यों करें? बाइबिल की दृष्टि से:
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