क्या सच्चा प्यार सिर्फ़ एक लड़के और लड़की के बीच में ही होता है? प्रेम का मतलब तो आजकल ऐसा हो गया जो लोग अपना मतलब पूरा करने के लिए इस्तेमाल करते हैं। मतलब पूरा तो प्यार खत्म। क्या यह प्यार है? अगर यह प्यार नहीं तो फिर प्यार है क्या? और प्यार का मतलब क्या है और सच्चा प्यार क्या है?
“प्यार दोस्ती है। अगर वह मेरी सबसे अच्छी दोस्त नहीं बन सकती तो मैं उससे प्यार कर ही नहीं सकता। सिंपल!” “कुछ कुछ होता है” का यह डाइयलोग हम सब ने तो सुना ही होगा। फ़िल्मों में हम जो हैपी एंडिंग देखते हैं क्या असली जीवन में यह मुमकिन है? क्या वाकई में प्यार यह है जो फिल्मों मे बताया जाता है।
प्रेम का मतलब तो आजकल ऐसा हो गया जो लोग अपना मतलब पूरा करने के लिए इस्तेमाल करते हैं। मतलब पूरा तो प्यार खत्म। क्या यह प्यार है? अगर यह प्यार नहीं तो फिर प्यार है क्या? और प्यार का मतलब क्या है और सच्चा प्यार क्या है?
हमारे जीवन में कितने प्यार भरे रिश्ते है जो हमें पूरा करते है और हिम्मत देते है। जैसे माँ और बच्चे का रिश्ता, भाई और बहन का शरारती प्यार, दोस्तों के बीच का मीठा प्यार, और माँसी, चाचा, दादी-दादा, नानी-नाना का प्यार। हमें अकेले रहने के लिए नहीं बनाया गया है, तभी तो हम सबसे ज़्यादा ख़ुश उन लोगों के बीच में होते हैं जो हमें प्रेम करते हैं।
बाइबिल में प्रेम के चार अनोखे रूप देखने को मिलते हैं। उन्हें चार ग्रीक(Greek) शब्दों के माध्यम से बताया गया है: इरोस(Eros), स्टोर्ज(Storge), फिलिया(Philia) और अगापे(Agape)।
इंसान एक दूसरे को सच्चा प्यार दे सके या ना दे सके पर आज आपको मैं एक ऐसे मनुष्य से परिचित कराती हूं जो बहुत अच्छी तरह से जानता है कि प्यार क्या है, प्यार कहते किसे है? रिश्ते कैसे बनाए और निभाए जाते है?
उसका नाम यीशु मसीह है जिसने आपसे इस कदर प्यार किया कि अपने प्राणों की परवाह ना कर क्रूस पर अपनी जान दे दी और अपना लहू बहाकर आपके पापो का दाम चुका डाला ताकि आपके पापों की सज़ा आपको न मिले और आप अनंत जीवन पाएँ। आपसे बहुत से लोगों ने कहा होगा कि वह आपको प्यार करते हैं पर बाद में पता लगा कि वह झूठ था और धोखा था। वह तो बस आप का इस्तेमाल करके अपना मतलब पूरा कर रहे थे। लोग आपको वो प्यार नहीं दे पाए जिसके दावे वह करते थे। इस बार यीशु मसीह के प्यार को आज़मा कर देखिए , उसके प्यार को चख के देखिए कि वह कितना भला है जो आपको निराश नहीं करेगा, धोखा नहीं देगा, कभी छोड़ेगा नहीं।
बाइबिल के यहुन्ना 3 :16 में यह लिखा है कि “परमेश्वर ने जगत से (आपसे) ऐसा प्रेम किया कि उसने अपने इकलोते पुत्र यीशु मसीह को बलिदान होने के लिए दे दिया ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे वह नाश नहीं हो बल्कि अनंत जीवन पाए।”
यदि आप सच्चे प्यार के बारे में और बात करना चाहते हैं या किसी रिश्ते से परेशान हैं और मदद चाहते हैं तो आप हमसे निसंदेह संपर्क कर सकते हैं। हम इस बारे में आपसे और बात करेंगे और आपकी मदद करेंगे।
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