जैसी करनी वैसी भरनी

क्या कर्म करने से मेरी क़िस्मत बदल सकती है?

“क़िस्मत का लिखा कोई नहीं मिटा सकता।” “ये तो नसीबों की बात है।” क्या हमारी ज़िंदगी सच में क़िस्मत का…

1 year ago