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तुम्हे ये कैसा डर सताता है: Hindi Shayari
मेरे भाई, मेरी बहन तुम्हे किस बात का डर सताता है
ये कैसा खौफ तुम्हारी आंखों में नज़र आता है
क्या डर है तुम्हे, अपनी जान खोने का
वक़्त से पहले ही, इस जहान से रुख्सत होने का
रख भरोसा उस पर, जिसने मौत पर भी फतह पायी है
उसके कोड़े खाने से ही तो, हम ने शिफा पायी है
शायद तुझे कल की चिंता सताती है
जीवन की आंधियां तुझे डरती है
रख होंसला, और हर आंधी का कर सामना
जिसने आंधी पानी को डांट थमाया,वो यीशु तेरा साथी है
लगता है डर, कोई अपना हम से बिछड़ जायेगा
वीरान होगी दुनिया, फिर ये गुलिस्तां उजड़ जायेगा
मत भूल तेरे गुलिस्तां का, वो खुदा ही माली है
उसे परवाह है तेरी, वो दाखलता तू डाली है
एक डर ऐसा भी है, की सब लोग अकेला छोड़ देंगे
मेरे बिगड़े हालत में, सब मुँह मोड़ लेंगे
सब छोड़ दें, तोभी खुदा हर दम साथ रहता है
वो न छोड़ेगा न त्यागेगा, ये BIBLE कहती है
हर रोज़, किसी अनहोनी की दस्तक आती है
हर दिन कहीं, कोई मायूसी की खबर आती है
इन अफवाहों इन ख़बरों से अब हमें नहीं डरना है
रखना है धीरज मन में, और ध्यान वचन का करना है
डर मत तेरा मन कच्चा न हो, ये तेरा रचने वाला कहता है
ये युद्ध तेरा नहीं परमेश्वर का है, जो हर समय तेरे साथ रहता है
तुम्हे डर की नहीं, समर्थ की मिली है आत्मा,
तेरा हथियार है, तेरी विश्वास से भरी एक प्रार्थना
तू डर की नहीं परमेश्वर की संतान है
आशा न हारना ही तेरा सच्चा ईमान है।
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