भगवान
मेरा भविष्य क्या है?
हम सभी अपने भविष्य को लेकर इतने चिंतित रहते हैं कि इस भविष्य के डर से हम किस हद तक चले जाते हैं जैसे अंधविश्वास। हम में से ना ही कोई जानता था और ना ही कोई तैयार था कि माहामारी हम पर आ टूट पड़ेगी या हम अपनों को खो देंगे, हमारा व्यापार, नौकरी सब ख़तरे में पड़ जाएगी। ऐसी परिस्थितियों में किस का सहारा लिया जाए?
क्या मेरा भविष्य ज्योतिष और विज्ञान बता सकते हैं?
क्या आप जानते हैं कि ज्योतिष ज्ञान का वैज्ञानिक परीक्षण किया गया है और अभी तक ज्योतिषीय परंपराओं में उल्लिखित किसी भी परिसर या प्रभावों के समर्थन में कोई सबूत नहीं मिला है। हम में से हर एक को उत्सुकता रहती है कि हमारा आनेवाला कल कैसा होगा। मेरा भविष्य कैसा होगा? बहुत से लोग शादी के लिए कुंडली मिलाते हैं, व्यापारी समाज राशी फल और दिन और समय देखकर महत्वपूर्ण निर्णय लेते हैं। पर क्या सच में हम में से कोई भी बता सकता है कि आनेवाला समय कैसा होगा! शायद नहीं लेकिन फिर भी हम इन बातों पर अपना विश्वास कायम रखते हैं और कई बार निराश भी हो जाते हैं।
जब हम अनिश्चित भविष्य से गुजरें तो क्या करें??
किसी को नहीं पता था कि कोविड और कोरोना लोगों की ज़िन्दगी उथल पुथल कर देगा। किसी को कंगाल और किसी को अमीर बना देगा। हम सबको एक बात पक्की पता है और वह यह है कि हम अपने बीते कल को नहीं बदल सकते। और अगर हम आनेवाले कल के बारे में निश्चिंत रूप से कुछ नहीं जानते तो केवल “आज” का ही समय हमारे साथ है। इसलिए यह समझदारी वाली बात बनती है यदि हम हमारे आज के निर्णय सूझ बुझ से लें ताकि हमारा आनेवाला कल अच्छा और सुहाना हो।
पवित्र शास्त्र बाइबिल में भविष्य के बारे में साफ़ लिखा गया है। मूल बात यह है कि जिस परमेश्वर ने मानव सृष्टि को बनाया वही जानता है उसने हर एक के लिए क्या सोच रखा है।
कुछ महत्वपूर्ण सत्य जो बाइबिल पर आधारित हैं वह इस प्रकार हैं।
– कुछ महत्वपूर्ण सत्य जो बाइबिल पर आधारित हैं वह इस प्रकार हैं।
· इंसान मन में अपने मार्ग पर विचार करता है, परन्तु परमेश्वर ही उसके कार्यो को पूरा करता हैं
· आकाश के पक्षियों को देखो! वे न बोते हैं, न काटते हैं, और न खत्तों में बटोरते हैं; तौभी तुम्हारा स्वर्गीय पिता उन को खिलाता है; क्या तुम उन से अधिक मूल्य नहीं रखते।
· तुम में कौन है, जो चिन्ता करके अपनी अवस्था में एक घड़ी भी बढ़ा सकता है?
· तू अपनी समझ का सहारा न लेना, वरन सम्पूर्ण मन से परमेश्वर पर भरोसा रखना।
· परन्तु जैसा लिखा है, कि जो आंख ने नहीं देखी, और कान ने नहीं सुना, और जो बातें मनुष्य के चित्त में नहीं चढ़ीं वे ही हैं, जो परमेश्वर ने अपने प्रेम रखने वालों के लिये तैयार की हैं।
इन सब बातों से हम यह सिख सकते हैं कि परमेश्वर की योजना हमारे लिए बहुत बड़ी है। वह हमसे प्रेम करता है और हमारा आनेवाला कल यदि हम उसके हाथ में दे तो हम चिंता से दूर रह सकते हैं, इसलिए यीशु मसीह ने कहा “चोर किसी और काम के लिये नहीं परन्तु केवल चोरी करने और घात करने और नष्ट करने को आता है। मैं इसलिये आया कि तुम जीवन पाओ और बहुतायत से पाओ!