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क्या आप डिप्रेशन और उदासी के शिकार हैं? डिप्रेशन और उदासी से कैसे निपटें?

क्या आप डिप्रेशन और उदासी के शिकार हैं? डिप्रेशन और उदासी से कैसे निपटें?

जीवन

क्या आप डिप्रेशन और उदासी के शिकार हैं? डिप्रेशन और उदासी से कैसे निपटें?

क्या आप डिप्रेशन और उदासी से गुज़र रहें हैं? इसके बहुत से कारण हैं। डिप्रेशन केवल कमज़ोर लोगों को नहीं होता, ये किसी को भी हो सकता है। जानिए सामान्य उदासी और डिप्रेशन में फ़र्क़। जानिए इसके कारण और इससे बाहर निकालने के कुछ उपाए।

कहानी डिप्रेशन की 

आपको अखिल मेनन याद है? वो 27 साल का युवक जो ट्विटर पर एक बहुत मज़ाकिया अकाउंट चलाता था। उसके 50,000 फॉलोवर्स थे, वो हमेशा राजनीति पर चुटकुले भी बनाता था। वर्ष 2015 में उसने एक पानी की टंकी से कूदकर जान दे दी। शायद ये शख्स आपके ज़ेहेन में ना आए लेकिन आपको जिया ख़ान तो याद होगी। एक खूबसूरत प्रतिभाशाली अभिनेत्री, उसे पहली ही फिल्म में अमिताभ बच्चन के साथ काम करने का मौका मिला। ये बेहद दुख की बात है कि जिया ने भी डिप्रेशन में आकर अपनी जान दे दी।

इन आत्महत्याओं के पीछे किसी तरह का दुख, असफलता या डिप्रेशन था। अगर आपके मन  में कोई गहरा दुख, तनाव है या आपने हाल ही में किसी बड़ी असफलता का सामना किया है तो ये लेख आपके लिए है। डिप्रेशन एक धीमा कातिल है। ये ज़रूरी है की आप इसे पहचानें। याद रखिए हम सभी को कभी ना कभी जीवन में मदद की ज़रुरत पड़ती है। हो सकता है आपको अन्य लोगों से ज़्यादा ज़रूरत हो, आपको अगर सामान्य से अधिक उदासी महसूस हो, तो मदद के लिए मत हिचकिचायें। हमसे बात करिए। हमसे chat करें

सामान्य उदासी और डिप्रेशन में फ़र्क

हम सभी को पता है की हम में से सभी कभी न कभी तो उदास या दुखी होते ही हैं। कई बार हम काफ़ी घंटों या दिनों तक किसी बात को लेकर उदास होते हैं। कोई एक बात बार बार हमारे मन को परेशान करती है। 

लेकिन डिप्रेशन का सबसे बड़ा लक्षण हैं कि ये उदासी आपके जीवन का हिस्सा बनने लगती है। उसे बिना इलाज के ठीक करना या उसे भूलकर आगे बढ़ पाना कठिन हो जाता है। इसके बावजूद दोनो में फ़र्क करना आसान नहीं है; हमारे देश में तो और भी कठिन है क्योंकि लोग डिप्रेशन को पागलपन समझते हैं। इसलिए सामाजिक डर के चलते, वे खुल के मदद नहीं माँगते।

डिप्रेशन के कारणों की तलाश

डिप्रेशन के कारणों पर अब भी खोज जारी है। कुछ लोगों को जीवन की कठिन परिस्थितियों की वजह से ये बीमारी होती है, कुछ को बिना ठोस कारण के। कई बार इसके आनुवांशिक कारण भी होते हैं जैसे अगर परिवार में अगर पहले किसी को हुआ हो तो। आपका व्यक्तित्व भी इसमें कुछ भूमिका निभाता है। कुछ लोग लंबी बीमारी के चलते डिप्रेशन का शिकार होते हैं। कई बार तो महिलायें बच्चे को जन्म देने के बाद बहुत दिनों तक उदास रहती हैं, और कुछ को डिप्रेशन हो जाता है।

हमारा मस्तिष्क इतना पेचीदा है कि कौन सा रसायन डिप्रेशन का कारण है ये बात पता लगाना बहुत कठिन है। हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के एक अनुसंधान ने भी यही कहा है कि अभी भी डिप्रेशन के नये कारण निकल रहे हैं क्योंकि हर व्यक्ति का डीएनए अलग होता है। कई अनुसंधान केन्द्र अब भी इसके ठोस कारण ढूँढ रहे हैं।

डिप्रेशन से सबसे ज़्यादा किसको ख़तरा है?

नीचे लिखे कुछ कारण डिप्रेशन से जुड़े हैं, लेकिन ज़रूरी नहीं कि ये हर व्यक्ति के डिप्रेशन का कारण हों:

  • जीवन में कुछ प्रमुख बदलाव – भले ही वो अपेक्षित हों।
  • परिवार के सदस्यों के साथ कोई संघर्ष या संबंध बुरे हो जाना।
  • शराब या किसी नशे की आदत।
  • किसी कारण से सामाजिक तौर से अलग हो जाना (अलगाव)।
  • लंबी बीमारी, उसके शारीरिक परिणाम या दर्द।
  • परिवार में किसी सदस्य को पहले यदि डिप्रेशन हुआ हो।
  • बहुत गहरा दुख जिसे भूलना बहुत कठिन हो।
 

डिप्रेशन सिर्फ़ कमज़ोर लोगों को नहीं होता

कभी ये मत समझिए कि किसी के साथ उपर दी गयी कोई भी परिस्थिति हुई है तो वो व्यक्ति कमज़ोर है। मानसिक तौर पर मज़बूत लोगों को भी डिप्रेशन हो सकता है। ये तब होता है जब लोग खुद से या दूसरों से बहुत अधिक अपेक्षा रखते हैं।

डिप्रेशन के आम लक्षण

डिप्रेशन का पता लगाने के लिए कोई शारीरिक टेस्ट अभी तक उपलब्ध नहीं है।

शारीरिक तौर पर हमारे मस्तिष्क में जब सरराटोनिन लेवल कम हो जाना, डिप्रेशन का कारण बन सकता है। लंबे समय में तब मस्तिष्क का एक क्षेत्र हिपोकॅंपस थोड़ा छोटा हो जाता है – या तो डिप्रेशन की वजह से या उसके बाद। हालाँकि ये बदलाव आसानी से नहीं दिखते हैं।

इसलिए डिप्रेशन के लक्षण व्यवहार में दिखाई देते हैं। जैसे:

  • बुरी मनोदशा, विशेषकर अगर वो आत्महत्या के विचार लिए हुए हो।
  • चिंता उन बातों के लिए जो आपको सामान्य तौर पर चिंता में नहीं डालती थी।
  • सुबह जल्दी नींद खुल जाना या नींद नहीं आना।
  • अपनी मनपसंद चीज़ों या गतिविधि में रूचि ख़त्म होना या परिवार और दोस्तों से दूरी बना लेना।
  • बार-बार रोना।
  • खुद का ख़याल ना रखना या खुद को नुकसान पहुँचाना।
  • भूख में बहुत अधिक कमी या इज़ाफा।

ये बदलाव बहुत धीरे धीरे होते हैं। अगर आपका परिवार या दोस्त आपको ये कहने लगे कि आप कुछ बदल गये हैं तो उनसे पूछिए कि वे आप में क्या बदलाव देख रहे हैं।

आप खुद की मदद कैसे कर सकते हैं? दूसरों को बताने में शर्म महसूस ना करें। डिप्रेशन में आपकी कोई ग़लती नहीं है।

डिप्रेशन चेक्लिस्ट

1. खुद का ख़याल रखें: हर रोज़ नहायें, साफ कपड़े पहनें। अपने काम ख़त्म करें। इस से आपका आत्मसम्मान बना रहेगा।

2. नियमित खाना खायें: अपने आहार में फल और सब्ज़ियों को शामिल करें। सिर्फ़ जंक फूड ना खायें।

3. हर रोज़ घर से बाहर निकलें: खुद को अपने घर में बंद करने से बचें। बाहर निकलें, पैदल चलें, समान खरीदने जायें।

4. कम से कम 20 मिनिट व्यायाम करें: पैदल या तैराकी या दौड़ना – आपको जो भी पसंद हो।

5. अच्छा संगीत सुनें: ऐसा संगीत सुनें जो दिल को ठंडक दे।

6. किसी एक व्यक्ति से बात करें: हर रोज़ कम से कम एक व्यक्ति से ज़रूर बात करें।

7. अपनी अच्छी बातें याद करें: कम से कम एक या दो ऐसी बातें याद करें जिनके बारे में आप धन्यवादी हैं। ये ही वो बातें हैं जो आपके जीवन को जीने लायक बनाती हैं।

8. तीन ऐसे बातें को लिखें जिनके लिए आप आभारी हैं।

खुद को माफ़ करना सीखें। डिप्रेशन में आपकी ग़लती नहीं है। इसलिए खुद को दोषी मत मानिए। अगर आपको किसी भी बात को लेकर अपराध बोध है तो यीशु मसीह से प्रार्थना कीजिए। उन से माफी मांगिए। वो आपको माफ़ करने का इंतज़ार कर रहा है।

परमेश्वर में विश्वास करने वाले दाऊद ने बाइबिल में एक भजन में लिखा है,

“परमेश्वर मेरी ज्योति और मेरा उद्धार है, मैं किस से डरूँ?”
– भजन संहिता 27:1

डिप्रेशन का इलाज संभव है। आपको जब भी लक्षण महसूस हो, किसी डॉक्टर की सलाह लीजिए। अगर आप अभी मेडिकल सलाह नहीं लेना चाहते हैं तो अपने लिए किसी परामर्शदाता को ढूँढिए या हमें लिखिए। चलिए हमारे साथ इस नयी मंज़िल पे।                                                                                                                                                                                                                                                                              हमसे chat करें

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