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जीवन की यात्रा में अपनी पहचान और उद्देश्य खोजे। जाने टिप्स और उपाए

जीवन की यात्रा में अपनी पहचान और उद्देश्य खोजे। जाने टिप्स और उपाए

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जीवन की यात्रा में अपनी पहचान और उद्देश्य खोजे। जाने टिप्स और उपाए

आपकी पहचान क्या है? आपके जीवन का उदेशय क्या है? क्या आपका काम और पैसा ही आपकी पहचान और उद्देश्य है? आइए अपनी पहचान और उदेशय को खोजें।

क्या आप भीड़ में खुद को अक्सर अकेला महसूस करते हैं?

या अपने दोस्तों के समूह में आपको लगता है की आपकी कोई पहचान नहीं? या सिर्फ आप ही हैं जिसे नहीं पता की उसे भविष्य में क्या करना है? आपकी पहचान क्या है?

क्या आपकी पहचान आपका काम है? आपकी योग्यता? आपका  परिवार? क्या होगा अगर आप किसी दिन उन्हें खो देते हैं?


आप हिंदी सिनेमा के अभिनेता बोमन ईरानी को जानते हैं? उन्होंने थ्री इडियट्स और मुन्नाभाई एमबीबीएस जैसी फिल्मों में यादगार  भूमिकाएं निभाई। उनको अपने जीवन का पहला पुरस्कार मिला था 50 वर्ष की उम्र में मुन्नाभाई एमबीबीएस के लिए। उन्होंने ने 20 साल तक फिल्मों और टीवी में बहुत संघर्ष किया तब जाकर उन्हें पहचान मिली।

दोस्तों आप अकेले नहीं हैं जो अपनी पहचान और जीवन में उद्देश्य खोज रहे हैं। हर व्यक्ति को ईश्वर ने अलग बनाया है। कुछ लोग अपने जीवन का मकसद बचपन में ही खोज लेते हैं, कुछ लोग बहुत आगे चलकर खोज पाते हैं।

कई मनोवैज्ञानिकों ने शोधों में पाया की लम्बे और अर्थकारी उद्देश्य जीवन में धीरे धीरे विकसित होते हैं। इसलिए निराश मत होईये और समझिये की आप कैसे अपने मकसद को पा सकते हैं और अपनी पहचान बना सकते हैं।

सक्रिय  (Proactive) बनिए

सक्रिय होने का मतलब है की हम खुद को हर स्थिति के लिए जगाएं और तैय्यार करें कुछ इस तरह कि हम मुश्किल हालात में भी समस्या का हाल निकाल सकें। “सेवेन हैबिट्स ऑफ़ हाइली इफेक्टिव पीपल” के लेखक ने सलाह दी है की एक Proactive व्यक्ति बाकियों से बेहतर प्रगति करता है। उन्होंने ये दो मॉडल्स दिए हैं –


सक्रिय मॉडल में लोग कुछ ऐसी भाषा बोलते हैं –

  • चलो देखते हैं इसमें क्या किया जा सकता है
  • मैं किसी और तरीके से कोशिश करता हूँ
  • मैं कोई सटीक जवाब ढूँढने में लगता हूँ
  • मैं करूँगा

अब ये सोचिये की आप अपनी वर्त्तमान स्थिति में क्या क्या कर सकते हैं। ऐसा सोचने से आपको अपने मकसद को खोजने में बहुत मदद मिलेगी।


पहचानिये आपको क्या पसंद है 

अब ये पहचानने की कोशिश कीजिये की आपको क्या काम करना सबसे ज़्यादा पसंद है। वो कोई खेल हो सकता है, आपका शौक हो सकता है या कोई विषय जो आपको बहुत पसंद हो जैसे मैथ, दूसरों की मदद करना, यूटूब देखना। अब इन् चीज़ों की सूचि बना लीजिये और अब अपनी क्रीएटिविटी का इस्तेमाल करने की कोशिश करिए। जब आप इन् बातों का अनुभव करेंगे, तब आपको धीरे धीरे अपना मकसद नज़र आने लगेगा। आप ये जान पाएंगे की आपको सबसे अधिक ख़ुशी और आनंद किस बात में मिलता है।


 मकसद पाने का मतलब सिर्फ करियर नहीं है

दोस्तों जीवन का मकसद पा लेना और करियर बनाना हमेशा एक जैसा नहीं होता। जैसे कुछ लोगों के लिए जीवन में डॉक्टर बनकर दूसरों की मदद करना ही मकसद होता है, कुछ और लोगों के लिए नौकरी करना और दूसरों की मदद करना अलग-अलग हो सकता है। इसलिए ध्यान रखिये की आप जो करियर चुनें, वो आपका मकसद है या नहीं ये आपको काम करके ही मालूम होगा।

एक प्रसिद्द फोटोग्राफर सिद्धार्थ जोशी के जीवन का मकसद है नयी नयी जगह जाना और वहां के लोगों की तसवीरें खींचना। लेकिन वे मुंबई की एक कंपनी में प्रोडक्ट मैनेजर की नौकरी करते हैं और हर तीन महीने में लम्बी छुट्टी लेकर अपना मकसद पूरा करते हैं।


मकसद पाने के 4 सूत्र

बहुत सारे लोग विश्व प्रसिद्द 4 सूत्रों का भी पालन करते हैं, अगर वे अपना मकसद खोज रहे हैं। इन 4 सूत्रों के अनुसार, आपका मकसद वो है जो इन् चारों बातों को पूरा करें। वो बातें हैं –

  • आपको वो काम करने में मज़ा आता है
  • आप उस काम में अच्छे हैं
  • आपको उस काम के पैसे या कुछ फायदा मिलता है
  • दुनिया या दूसरे लोगों को उस काम से कुछ फायदा पहुँचता है

सुनिए दुसरे लोगों को आप में क्या पसंद है?

जब आप अपने दोस्तों या परिवार के साथ होते हैं, तो आपको सबसे ज़्यादा तारीफ किस बात पर मिलती है? ऐसी कौन सी बात है जो दूसरों को आप में पसंद हैं? आप अपने करीबी दोस्तों से ये सवाल पूछ सकते हैं। इस से आपको मालूम होगा की आपकी असली पहचान क्या है। आपको लोग किस बात के लिए पहचानते हैं। दोस्तों पहचान का मतलब प्रसिद्धि नहीं है, लेकिन जो बात आपको दूसरों से अलग करे वो आपकी पहचान बनती है। उस बात को खोजिये।

बोझ से दबे और थके हुए लोगों मेरे पास आओ, मैं तुम्हें विश्राम दूँगा।

मती 11:28

आप अपनी असली पहचान प्रभु यीशु मसीह में ही पा सकते हैं। हमारा जीवन उस विडीओ गेम “temple run” की तरह हो गया है जिसमें हम सिक्के तो इकठे करते हुए भाग रहे हैं पर हमारी कोई मंज़िल नहीं है। प्रभु यीशु मसीह इस सृष्टि के बनाने वाले हैं और उन्होंने हमें एक उदेशय के लिए बनाया है। आइए हम हमें बनाने वाले से अपना रिश्ता जोड़े ओर अपने जीवन का उदेशय परमेश्वर से जाने।

सिर्फ जीवन का मकसद खोज लेना काफी नहीं है, हमें इस जीवन के बाद भी एक ऐसे मकसद की ज़रूरत है जो हमें अनंत काल में ले जाए। अगर आप भी एक खुशहाल जीवन और उसके बाद अनंत जीवन चाहते हैं तो और जानकारी लीजिये, हमें लिखिए या कॉल कीजिये।


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