जो बोले वो मूर्ख, जो चुप रहे वो बुद्धिमान! अच्छी बातें बोलनेवाली जीभ जीवन का पेड़ है; पर बुरी बातें बोलनेवाली जीभ से हमारे जीवन को कष्ट होता है - कितनी सच्चाई है इस बात में? आइए जाने कुछ फ़ायदे शांत रहने के और अपनी जीभ को नियंत्रण में रखने के!
यदि दुनिया में ढूंढने निकले ऐसे इंसान को जो आज के समय में शांत रह सकता है तो यह खोज बहुत मुश्किल होगी। अगर आप दिल्ली में रहते हैं तो आप जानते ही होंगे की यहां लोग कितना शांत रहते हैं। यहाँ रिक्शावाले से लेकर बड़ी गाड़ी में सवार इंसान अशांति का शिकार है। क्या इस दुनिया में कोई ऐसा इंसान है जो अपनी जीभ पे नियंत्रण रख सका है और अपने दिमाग को शांत रखते हुए ऐसे लोगों के बीच काम कर सके जो बिल्कुल अशांत हैं।
इंसान आज चांद पर क्या मार्स तक पहुंच गया है पर एक चीज़ पर यह आज तक लगाम न लगा पाया – ज़ुबान। यह जुबान है तो छोटी सी पर इससे जो आग लगती है वह घरों के घर तबाह कर देती है पर जो लोग इस पर लगाम लगाना और इसे सही बात बोलने के लिए इस्तेमाल करना सीख गए है उन्होंने अपने जीवन में सुख और शांति को अनुभव किया है और दूसरों के लिए भी सुख और शांति का कारण बने हैं।
1.इस दुनिया में जितने भी लोग कामयाब हैं, सफल हैं और उनके जीवन का दर्शन अपने जीवन में सफल होना है यदि आप ऐसे लोगों के जीवन को ध्यान से देखे तो उन मे एक खास बात होगी वह लोग सुनने के लिए हमेशा तैयार रहेंगे और बोलने में कम होंगे। आप अपने जीवन में सफल होना चाहते हैं तो इस सिद्धांत पर चलना शुरू कर दें ” सुनने में तत्पर, बोलने मे धीरे “।
2. कम बोलने वाले लोगों का दिमाग, ज्यादा बोलने वाले लोगों के दिमाग से तेज़ चलता है क्योंकि ज्यादा बोलने वाले लोग व्यर्थ बातें करने में अपनी सारी शक्ति गवाँ देते हैं और दूसरी ओर शांत रहनेवाले लोग मानसिक व शारीरिक रीति से लंबी देर तक तरोताजा महसूस करते हैं और सभी परिस्थितियों के बीच में तुरंत सही निर्णय लेने में अधिक सफल हुए हैं उन लोगों के मुक़ाबले जो बोल बोल कर अपना समय व्यर्थ होते रहते हैं।
3. मेरे पड़ोस में एक लड़की रहती है जिसकी उम्र 40 साल है उसकी सभी बहनों की शादी हो गई है पर उससे शादी करने के लिए कोई तैयार नहीं है। कारण – वह हर समय बोलती रहती है और उसे अपनी जुबान पर बिल्कुल भी कंट्रोल नहीं है और उसकी इस बुरी आदत से उसके घर वाले भी परेशान हैं और आस पड़ोस में रहने वाले लोग भी परेशान हैं। ज्यादा बोलने वाले लोग अक्सर न पसंद किए जाते हैं।
मेरी अपनी दादी को हर समय बोलने की आदत है। जिसकी वजह से उनका बी पी हाई रहता है उन्हें हर समय तनाव रहता है, सर में दर्द रहता है और इन बातों से चीड़चीड़ापन होना लाज़मी है। मेरे रिश्तेदार उनकी इस आदत से तंग है और उनसे बात न करना वह अच्छा समझते हैं। जो लोग शांत रहना नहीं जानते वह अक्सर दूसरों के लिए सर दर्द का कारण बन जाते हैं और उन्हें ज्यादातर नापसंद ही किया जाता है।
1. हमारे समाज में उन लोगों को अक्सर बुद्धिमान और समझदार के रूप में देखा जाता है जो कम बोलते हैं।शांत रहना बुद्धिमानी और समझदार का चिन्ह है।
2.क्योंकि जब आप शांत रहने लगते हैं तो आप सुनना शुरू करते हैं और सुनने से आप सीखते हैं और सीखने से बुद्धिमानी और समझदारी की शुरूवात होती है। इसलिए बोलना कम और सुनना शुरू करे।
3. ज्यादा बोलने की आदत औरतों में ज्यादा देखी जाती है। आपने देखा ही होगा जिस घर में माँ, बेटी, बहू व्यर्थ बोलती रहती हैं उस घर में तू तू – मै मै, लड़ाई – झगड़ा, एक दूसरे के प्रति गलत विचार, जलन और बैर होता है। और जिन घरों में लोग शांत रहना सही समझते हैं और अपनी जुबान को कंट्रोल करना जानते हैं उन घरों में शांति और सुख का माहौल होता है।
आप सफल होना चाहते हैं? अपने जीवन में और दूसरों के जीवन में सुख और शांति का कारण बनना चाहते हैं? तो शांत रहना सीखें , सुनना शुरू करें और अपने जीवन में बड़े।हमसे chat करें।
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