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रिश्तों के रहस्य

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रिश्तों के रहस्य

टूटते हुए रिश्तों से हम सभी को बहुत दुःख पहुँचता है और अक्सर टूटे और बिखरे रिश्ते हमें अंदर तक तोड़ कर रख देते हैं। आइए अपने रिश्तों को बेहतर करने के लिए जाने कुछ ख़ास रिश्तों के रहस्य जो आपके रिश्तों में फिर से जान डाल देंगे।

आप अपने रिश्तों को कैसे संभालते हैं? क्या है रिश्तों का रहस्य?

ज़रा अपने बचपन के दोस्तों को याद कीजिये और सोचिये की आपकी गहरी दोस्ती क्या बस सिर्फ एक बार में बन गयी थी? नहीं, आपने उसे गहरा बनाया। जब आप अपने दोस्तों के साथ हंसे, रोये, मस्ती करी, साथ में सपने देखे और झगड़े भी करे और कितने सालों तक एक साथ समय बिताया तब जा कर आपकी दोस्ती गहरी हुई। इसी तरह हर रिश्तों को बनाने में बहुत समय, प्रयास और मेहनत लगती है। 

हम अपने माता-पिता, जीवनसाथी, बच्चों, रिश्तेदारों, सहकर्मियों, दोस्तों और पड़ोसियों के साथ रिश्ते बाँटते हैं। हर रिश्ते में अलग सम्मान, कम्यूनिकेशन और गहराई होती है। 

वैसे ही वो Couples हैं जो एक साथ बहुत अच्छे लगते हैं। उनका गहरा रिश्ता, आपसी सम्मान और एक दूसरे के लिए कोमलता साफ़ दिखाई देती है। और जिन लोगों ने इस रिश्ते के रहस्य को खोज लिया है उनका रिश्ता एक अच्छी grape wine की तरह हो जाता है – समय के साथ उनका प्यार सिर्फ़ मजबूत, रोमांच से भरा हुआ, और हर दिन ताज़ा भावनाओं से भरा हुआ होता है।  

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आइये जानते हैं चार ऐसे रहस्य जो रिश्ते में सबसे ज़रूरी हैं और जो आपके रिश्तों को गहरा और मज़बूत बनाते हैं :

  • वास्तविक (real) बने रहने का रहस्य: Be real : परफेक्ट होने की कोशिश करने की कोई जरूरत नहीं है। बस आप जैसे हों वैसे रहे। हम में से कई लोग मुखौटे के पीछे छिप जाते हैं, लोगों को यह दिखाने से डरते हैं कि हम वास्तव में कौन हैं। इस बारे में बाइबिल में रोमियों १२:९ में जो संदेश दिया गया है, मैं उससे बहुत पसंद करता हूँ: “तुम जो प्रेम में हो, उसके केंद्र में हो; इसे नकली मत बनाओ।” ईमानदारी और सच्चाई तब होती है जब आप जो देखते हैं वही आपको मिलता है। यह तभी होगा जब आप कोई भूमिका नहीं निभाते हैं, आप मुखौटा नहीं पहनते हैं।
  • अपने आप को साझा करने का रहस्य: एक रिश्ते में जुड़े रहने का मतलब है अपने साथी को आपको पूरी तरह से जानने की अनुमति देना: आपके विचार, भावनाएं, चुनौतियाँ, कमजोरियाँ। Judge होने के डर की वजह से यह आसान नहीं होता। अगर हम कभी अपने दिल नहीं खोलते हैं, तो प्यार हमारे दिलों से कभी नहीं निकल पाएगा। ईश्वर ने औरत को आदमी से बनाया है। और जब एक आदमी और औरत पति-पत्नी बनने का फैसला करते हैं, तो भगवान कहते हैं कि दोनों एक हो जाते हैं। इस तरह का रिश्ता आपके लिए कभी नहीं होगा अगर आप शादी में एक होकर एक ही दिशा में जाने के लिए अपना दिल खोलने से इनकार करते हैं।
  • भरोसेमंद होने का रहस्य: अपने पुराने अनुभवों की वजह से आपको अक्सर रिश्तों में विश्वास करने में मुश्किल हो सकती है। आप अपने आप से पूछना शुरू कर देते हैं, वे समझ क्यों नहीं सकते? वे सिर्फ सच क्यों नहीं बता सकते? आप बिना किसी सबूत के आरोप लगाना भी शुरू कर सकते हैं। अगर आप बाइबिल पड़ें तो आप जान पाएंगे की यीशु मसीह ने अपने चेलों से कभी कुछ नहीं छुपाया। यीशु ने अपने बारे में, जहाँ से वह आये और वह आगे क्या करने वालें हैं; उन्होंने सब कुछ स्पष्ट तरीके से उन्हें बताया। यहाँ तक की ऐसे रहस्यमय बातें भी बताईं जो पहले कभी सुनी नहीं गयी थी। इस वजह से उन्होंने अपने चेलों को अपना दोस्त बुलाया। 
  • एकता (harmony) में रहने का रहस्य: रिश्तों में दो या दो से अधिक लोग शामिल होते हैं, और इसलिए विचारों, आदर्शों, विश्वासों, धारणाओं, चाहतों, अपेक्षाओं, शब्दों,  व्यवहार, पैटर्न, आदतों में टकराव होता है। एकता (harmony) और शांति का मतलब सहमत होना नहीं है। हमें अपने से ऊपर दूसरों का सम्मान करना है और एक दूसरे के अधीन रहना है। बदनामी, कुड़कुड़ाना, घमंड, फूट डालना, एक-दूसरे को आंकना- ऐसी चीजों की हमारे रिश्तों में कोई जगह नहीं होनी चाहिए। 

बाइबिल कहती है कि “भाईचारे के प्रेम से एक दूसरे पर दया रखो; परस्पर आदर करने में एक दूसरे से बढ़ चलो। आपस में एक सा मन रखो; अभिमानी न हो; परन्तु दीनों के साथ संगति रखो; अपनी दृष्टि में बुद्धिमान न हो।”

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