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क्या आपने रिश्तों में धोखा खाया है?

प्यार

क्या आपने रिश्तों में धोखा खाया है?

क्यों रिश्तों में रह कर भी लोग हमें धोखा देते हैं? क्या अपने कभी सोचा है कि इसका आप पर क्या असर पड़ता है? हो सकता है आप अपनो पर पूरी ज़िंदगी भरोसा ही ना कर पाएँ।

हिम्मत बांधकर ढृढ़ हो जा; भय ना खा, और तेरा मन कच्चा ना हो; क्योंकि जहाँ जहाँ तू जायेगा वहां वहां तेरा परमेश्वर तेरे संग रहेगा।

मैं तुझे कभी न छोडूंगा, और न कभी तुझे त्यागूंगा।

धोखा और विश्वास

क्या आप इस सोच में पड़ गए हो कि ऐसी बातें मैंने कभी पढ़ी नहीं? यह सारे वादे परमेश्वर के वचन पवित्र बाइबिल में पढने को मिलते है।

मेरे दोस्त एक गेम खेल रहे थे जिसमें उन्हें आँखें बंद करके एक दूसरे पर भरोसा करके पीछे की और गिरना था और कोई एक व्यक्ति उसे पकड़ लेगा। पर मेरा एक दोस्त लाख कोशिश के बाद भी ये नहीं कर पाया। उसने बाद में बताया कि अपनों से धोखा खाने की वजह से वो किसी पर भी भरोसा नहीं कर पाता। यह दुःख की बात है कि समय के साथ रिश्तों में बदलाव आने लगे हैं और सच्चा प्यार, दोस्ती, जीवन साथी मिलना मुश्किल हो गया है। सबसे ज्यादा धोका हम रिश्तो में देखते है।

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आखिर क्यों लोग अपने परिवार, दोस्त, प्यार को धोखा देते हैं:

  1.   रिश्तों से बोर हो जाना
  2.   हर बार कुछ नया चाहने का मन
  3.  किसी और व्यक्ति के तरफ जल्दी आकर्षित होना
  4.  एक दूसरे की देखभाल नहीं करना, सम्मान नहीं देना
  5.  सोशल मीडिया और सिनेमा से प्रभावित होना

सबसे बड़ी बात जो समझ में आती है वह है वादा करना या कमिटमेंट के इशूज़ होना। उन्हे भरोसा ही नहीं होता कि एक ही व्यक्ति के साथ जीवन भर वे साथ रह सकते।

स्वार्थी मन केवल अपनी ख़ुशी की फ़िक्र करता है और रिश्तो में बलिदान नहीं देना चाहता। जैसे आशीष जो बहुत सीधा साधा लड़का था, पारुल की मोहब्बत में डूब गया था। पारुल ने केवल टाइम पास करने के लिए आशीष से दोस्ती करी थी। तोहफे और होटल में खाना यह सब पारुल को पसंद था।

बाइबिल धोखे के बारे में क्या बताती है

बाइबिल में एक स्त्री का ज़िक्र है जो कुए पर पानी भरने आती है जिसकी मुलाक़ात यीशु मसीह से हुई। यीशु मसीह ने उससे पानी माँगा और जीवन के जल के बारे में बताया जिसे यदि कोई पी ले तो वह कभी प्यासा ना होगा। उस स्त्री ने बहुत सारे लोगों से रिश्ते बनाए थे और वह अभी भी जिसके साथ रह रही थी वह उसका पति नहीं था। वह लोगों के तानों से बचने के लिए भरी दोपहर में पानी भरने आती थी। यीशु मसीह जो स्वयं परमेश्वर हैं उसे सारी बातें पता थी। रिश्तो में एक के बाद एक धोका खाने वाली उस स्त्री को सच्चा प्रेम करने वाला नहीं मिला।

क्या आपको भी ऐसे धोके मिले हैं? क्या आप भी उस स्त्री की तरह एक खोखला जीवन जी रहे हैं और जीवन के जल की तलाश में हैं जो सच में प्यासे जीवन को तृप्त कर सकता है? अगर आप इस विषय पर और जानकारी चाहते हैं तो हमसे सम्पर्क करें।

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