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आत्मा की शक्ति क्या है? | Power of Spirit and Soul |

आत्मा की शक्ति क्या है? | Power of Spirit Soul |

भगवान

आत्मा की शक्ति क्या है? | Power of Spirit and Soul |

क्या है आत्मा (Spirit) का सच? क्या है प्राण और आत्मा? आत्मा की शक्ति क्या है? हम कैसे आत्मा की शक्ति पा सकते हैं? क्या इसका हमारे जीवन से कुछ लेना देना है?

आत्मा का रहस्य

आत्मा ठंडी होना, आत्मा मसोसना, आत्मा की शांति, प्राण छोड़ देना, प्राण पखेरू उड़ जाना – यह और ऐसे कई मुहावरे पढ़ते और सुनते आये हैं हम। पर इनका अर्थ क्या है? क्या आत्मा शरीर है या स्वरुप? आत्मा और प्राण एक हैं या इनमे फर्क है? आत्मा अच्छी होती है या बुरी? बचपन से मुझे हॉरर मूवीज और टीवी शोज़ देखने का शौक था। लगातार इन शोज़ को फॉलो करने से मेरे मन में यह कुछ बातें बैठ गई:

–    मरने के बाद आत्मा एक शरीर से निकल कर दूसरा शरीर खोजती है।

–    दूसरा शरीर न मिलने तक आत्मा अशांत/ भटकती रहती है।

–    प्रेगनेंसी के दौरान, आत्मा भ्रूण/ फीटस में प्रवेश कर चेक करती है कि वो भ्रूण या तैयार होने वाला शरीर उसके लायक है या नहीं। यदि वो भ्रूण उस आत्मा के लायक नहीं तो वो उसे त्याग देती और इससे एक मृत बच्चे का जन्म होता है।

–    आत्मा का अनुभव होने पर सुगंध या कोई गंध सी आती है।

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कॉलेज के दिनो में हेलोवीन थीम पार्टीज करना, डरावनी आवाजें निकालना, अकेले में “आत्मा बुलाने के तरीके” ऐसे टॉपिक्स पढ़ना मेरी नयी हॉबी बन गई। दोस्तों से मिलने पर हमेशा मैं ‘आत्मा’ के बारें में बात करती। धीरे धीरे सारे दोस्त मुझसे कट ऑफ होने लगे। पर एक दोस्त ने मुझे कहा की आत्मा और प्राण के बारें में मेरी सोच सही नहीं है।

उसने बताया की ईश्वर आत्मा है और उनकी पवित्र आत्मा हर उस इंसान के अन्दर है, जो बाइबिल और परमेश्वर में सच्चा विश्वास करता है।

ईश्वर आत्मा है

उतपत्ति 1:1-2 ‘आदि में परमेश्वर ने आकाश और पृथ्वी को बनाया। पृथ्वी बेडौल और सुनसान थी। धरती पर कुछ भी नहीं था। समुद्र पर अंधेरा छाया था और परमेश्वर की आत्मा जल के ऊपर मण्डराती थी।

1 थिस्सलुनीकियों 5:13 शान्ति का परमेश्वर आप ही तुम्हें पूरी रीति से पवित्र करे; और तुम्हारी आत्मा और प्राण और देह हमारे प्रभु यीशु मसीह के आने तक पूरे पूरे और निर्दोष सुरक्षित रहें।

बाइबिल का ईश्वर, त्रयात्मक या त्रीएक (trinity) ईश्वर है जिसमे परमेश्वर पिता, पुत्र – यीशु मसीह और पवित्र आत्मा समाते हैं। ऊपर लिखी आयत हमें बताती है की

– जब ईश्वर ने सृष्टि की रचना की, उस समय ईश्वर की आत्मा मौजूद थी और रचना में भागीदार थी।

– यीशु मसीह के हर अनुयायी तीन हिस्से हैं – पवित्र आत्मा (spirit), प्राण (soul) और शरीर (body)। और ईश्वर हर अनुयायी की आत्मा, प्राण और शरीर की रक्षा और पवित्रता का ध्यान रखते हैं।

– पवित्र आत्मा हमें अच्छी चीजों की तरफ बढ़ाती है जबकि हमारा शरीर सिर्फ सांसारिक तरीके से ऑपरेट करता है। हमारे प्राण (सोल या मन) पे निर्भर करता है की शरीर की बात सुने या पवित्र आत्मा की। पवित्र आत्मा हमारी सहायक और कोउन्सेल्लर है।

 आत्मा के कुछ और तथ्य

–    गर्भ में जीवन शुरू होने पर उसमे प्राण और आत्मा का प्रवेश होता है, किसी भटकती आत्मा का नहीं जो शरीर खोज रही हो।

–    एक ही जीवन है, और उस जीवन और शरीर के लिए एक आत्मा। मृत्यु के समय हमारा शरीर और प्राण खत्म होते हैं पर आत्मा अमर रहती है। यूहन्ना 14:6 ‘यीशु ने उस से कहा, मार्ग और सच्चाई और जीवन मैं ही हूं; बिना मेरे द्वारा कोई पिता के पास नहीं पहुँच सकता।’

परमेश्वर पवित्र है। हम इन्सान कितने भी अच्छे और सरल हो पर मन में बुरे ख्याल आते ही हैं जैसे इर्ष्या, महत्वाकंषा, गुस्सा, आदि। लेकिन पवित्र आत्मा अपने निवास और गाइडेंस से हमें प्रदूषित नहीं होने देती। पवित्र आत्मा के बारे में और जानने के लिए हमसे बात करें। आओ हमारे साथ इस नयी मंज़िल पे।

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