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अपने भविष्य की अच्छी योजना कैसे बनाएँ?

अपने भविष्य की अच्छी योजना कैसे बनाएँ?

जीवन

अपने भविष्य की अच्छी योजना कैसे बनाएँ?

ये बात सच है कि “कल किसने देखा है” पर भविष्य की तैयारी और योजना बनानी भी ज़रूरी है ताकि आप मुश्किल समय में तैयारी पूरी हो। तो आइए कुछ बातों को देखें जो भविष्य कि तैयारी के लिए हम सभी को करनी चाहिए।

भविष्य का डर

जीवन की सच्चाई तो ये है कि हम में से कोई नहीं जानता कि भविष्य में क्या होने वाला है पर हम ये सोच कर हाथ पर हाथ रखकर नहीं बैठ सकते। ये हमारी ज़िम्मेदारी है कि हम अनिशिचित समय के लिए कुछ तैयारी कर के रखें। हमारा जीवन बिलकुल मौसम की तरह- जैसे मौसम बदलते हैं वैसे ही हमारे हालात भी बदलते हैं। 

आइए मैं आपको एक कहानी से समझाने की कोशिश करता हूँ। ये यूसुफ़ की सच्ची कहानी है जो मिस्र के राजा का प्रधान मंत्री था और अपनी बुधिमानी के लिए जाना जाता था। एक बार परमेश्वर ने उसे भविष्यवाणी में बताया की पूरी दुनिया में सात साल के बाद सात साल का ऐसा आकाल पड़ेगा जैसा कभी कहीं नहीं आया। 

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यूसुफ़ ने सात साल में अपने लोगों के लिए ऐसी योजनाएँ बनायी और इतना अनाज इकट्ठा किया कि अकाल के समय पूरी दुनिया के कोने कोने से लोग उस राज्य में अनाज ख़रीदने आए और उस राज्य में कोई भूखा नहीं मरा। 

क्या होता अगर यूसुफ़ ईश्वर की भविष्यवाणी को नहीं सुनता? क्या होता अगर यूसुफ़ भविष्य की तैयारी नहीं करता? क्या होता अगर यूसुफ़ अनाज इकट्ठा नहीं करता?

यूसुफ़ की कहानी से हमें अपने भविष्य के लिए क्या सीख मिलती है?

  • अपने भविष्य से ना डरें और प्रभु यीशु मसीह पर भरोसा करें क्योंकि उनका वचन कहता है कि इसलिये तुम चिन्ता करके यह न कहना, कि हम क्या खाएंगे, या क्या पीएंगे, या क्या पहिनेंगे? और तुम्हारा स्वर्गीय पिता जानता है, कि तुम्हें ये सब वस्तुएं चाहिए। इसलिये पहिले तुम उसे राज्य और धर्म की खोज करो तो ये सब वस्तुएं भी तुम्हें मिल जाएंगी। सो कल के लिये चिन्ता न करो, क्योंकि कल का दिन अपनी चिन्ता आप कर लेगा; आज के लिये आज ही का दुख बहुत है।” यूसुफ़ ने कल की चिंता नहीं की पर ईश्वर पर भरोसा किया। 
  • अपने आप को पहचाने और सिर्फ़ इन चीजों पर अपना ध्यान लगाएँ जो महत्तवपूर्ण हैं। 
  • स्वयं पर नियंत्रण रखें और दूसरे लोगों से अपनी तुलना ना करें। जब आप अपने जीवन की तुलना दूसरों से करते हैं तो आप खुद पर दबाव डालते हैं। आप दूसरों से सीखें पर अपनी तुलना ना करें। 
  • अपनी पुरानी ग़लतियों को ना दोहराएँ पर उनसे सीखें। 
  • जब आप खुद को कभी फँसा हुआ पाएँ और उस परिस्थिति से बाहार ना निकल पाएँ तो दूसरों की मदद लेने से ना कतराएँ। उनका तजुर्बा बहुत अहम होता है। 
  • बुरे समय के लिए अच्छी तैयारी बहुत ज़रूरी है जैसे अच्छा चरित्र, पैसे की बचत, अच्छी शिक्षा आदि। 

हमें आशा है कि आपको इससे मदद मिलेगी। आप नयिमंज़िल से बात कर सकते हैं। 

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