जीवन
चाय पे चर्चा ☕️| ज़िन्दगी के बदलते मौसम |
ज़िन्दगी एक सफर है सुहाना, यहाँ कल क्या हो किसने जाना। इस सुहाने सफर में जब अवरोध आ जाये तो क्या बिना हिम्मत हरे, आगे बढ़ना मुमकिन है? आईये मिलकर चर्चा करते हैं।
कठिनाइयों में हौसला रखना और निडर होकर आगे बढ़ने को ही ज़िन्दगी कहते हैं।
मेरे शहर का मौसम कुछ ऐसा होता है की अगर आप कड़कती धूप देखकर खूब सारी संक्रीन लगा कर निकले, तो कुछ ही क्षणों मे आधे रास्ते खुद को यहाँ की मीठी बारिश में भीगता पाएंगे। यहाँ का मौसम कब कैसे बदलता है कोई नहीं जानता। कल रात की ही बात है जब, पूरे दिन की कड़कती गर्मी के बाद, आधी रात में तेज़ बिजली की गूँज से पूरा शहर जाग उठा। कभी कबार हमारी ज़िन्दगी भी इस बदलते मौसम की तरह होती है। वह कल क्या मोड़ ले, यह हम में से कोई नहीं जानता।
बाइबिल में एक ऐसे व्यक्ति का ज़िक्र है, जिसकी ज़िन्दगी इसी तरह पल मे बदल गयी, उसका नाम था अय्यूब। उसके पास इस दुनिया की हर ख़ुशी और बेशुमार दौलत थी। पर एक दिन शैतान ने ऐसा षडियंत्र रचा कि अय्यूब ने रातों रात अपना परिवार, दौलत और स्वास्थ्य सब कुछ खो दिया। पर ताजुब की बात यह है कि यह सब कुछ खोने के बाद भी उसका विश्वास परमेश्वर में द्रिड रहा। इस विश्वास का मान रखते हुए परमेश्वर ने ना सिर्फ उसे चंगा किया बल्कि उसे पहले से दुगना आशीष भी दिया।
अगर हम मुश्किलों का अंगीकार करना सीख जाये, तो रास्ते धीरे धीरे सुलझते नज़र आते है।
हम सभी कि ज़िन्दगी मे भी ऐसे बोहोत से बदलते मौसम आते हैं जब आगे बढ़ना नामुमकिन लगता है, क्योंकि रास्ते धुंधले और अंधकार से भरे दीखते हैं। क्या हम डर कर इन हालातों से दूर भागते हैं, या फिर अय्यूब की तरह बिना हौसला हारे, आगे बढ़ते जाते हैं?
अगर आप भी एक ऐसे दौर से गुज़र रहे हैं जहाँ आगे बढ़ना मुश्किल लग रहा है, तो एक बार परमेश्वर को पुकार कर देखें, वह आपकी परवाह करता है और उसकी योजनाए आपकी हानि के लिए नहीं बल्कि आपकी भलाई के लिए है, वह आपसे बेहद मोहोब्बत करता है।