1. काम के प्रति मकसद पहचानिए: आप यह काम, नौकरी या व्यापार किसी वजह से कर रहें है। वो वजह पहचानिए और उसे याद रखिए। यह वजह हो सकती है पैसा जिस से आप अपने परिवार का पालन पोषण करना चाहते हैं, जीवन में आगे बढ़ना चाहते हैं या कुछ पाना चाहते हैं। अगर यह नौकरी आपको अपने मकसद में मदद करती हैं तो उसके प्रति एक सकारात्मक रवैया चुनिए। हर नौकरी में उतार चढ़ाव आते हैं। अगर इस नौकरी की वजह से आपको अपनी मनपसंद की चीज़ें मिलती हैं तो आपको अपने काम को खुशी से करना चाहिए। बाइबिल कहती है:
“इस से अधिक कुछ अच्छा नहीं कि मनुष्य अपने कामों में आनंदित रहे क्योंकि उसका भाग यही है।”
– साभोपदेशक 3: 22
2. ना बोलना सीखिए: अगर सीनियर या मैनेजर आपको क्षमता या समय से अधिक काम लगातार दे रहें हैं तो उनसे बात कीजिए। उनको अपने तनाव के बारे में स्पष्ट रूप से कह दीजिए। आप इंसान हैं भगवान नहीं। आपको ना कहने का हक है।
3. ग़लत आदतें छोड़िये: आपको अगर किसी तरह के नशे की आदत है जैसे धूम्रपान, शराब – तो जान लीजिए कि यह तनाव दूर नहीं करते सिर्फ़ उसको कुछ देर के लिए भुला देते हैं। आप तनाव की वजह से अपनी सेहत और शायद करियर को बर्बाद कर रहें हैं। साथ ही दिन में वो सारी चीज़ें जो आपके समय की बर्बादी करती हैं – उनको निकाल बाहर करिए। बाइबिल कहती है:
“कामकाजी लोग प्रभुता करते हैं, परंतु आलसी बेगार में पकड़े जाते हैं।”
– नीतिवचन 12: 24
4. सीमायें और प्राथमिकतायें बनाइए: हर रोज़ अपने समय और काम की सीमा निर्धारित कीजिए। हर रोज़ के काम की सूची बनाने के साथ हर महीने के काम की गिनती कीजिए। जो ज़्यादा ज़रूरी काम हैं उनको पहले करने की योजना बनाइए।
5. काम और जीवन में संतुलन: कभी भी अपनी कंपनी या मैनेजर को यह मत लगने दीजिए कि आप घर पर या अवकाश के दिनों में भी काम हाथ में ले सकते हैं। कभी भी अपने काम को अवकाश या परिवार के समय के बीच ना आने दीजिए। अपने समय का इस्तेमाल कसरत करने में, घूमने में या परिवार के साथ समय बिताने में दीजिए। काम की ज़ादा टेंशन ना लीजिये।
6. ईमानदारी से काम कीजिए: जितना समय आप ऑफ़िस या काम में बिताते हैं उसे पूरे मन से कीजिए। उस में कभी भी बेईमानी करने से बचिए। मैं मानती हूँ की मैं अपना काम लोगों के लिए नहीं करती बल्कि अपने जीवित परमेश्वर के लिए करती हूँ और वो मुझे हर समय देख रहा है। हमें ईमानदारी का फल ज़रूर मिलता है। बाइबिल में लिखा है:
“बेईमानी से कमाया माल नहीं टिकता; परंतु जो अपने परिश्रम से बटोरता है, उसकी बढ़ती होती है।”
– नीतिवचन 13: 11
7. खुद की खुशी के लिए काम कीजिए: आप जब ईमानदारी से काम करते हैं तो इस बात से फ़र्क नहीं पड़ना चाहिए की लोग क्या सोचते हैं। अगर आप अपने काम से खुश हैं तो लोगों की वजह से तनाव मत पालिए। बाइबिल में लिखा है:
“जो कुछ भी तुम करते हो, तन मन से करो, यह समझकर कि मनुष्यों के लिए नहीं परंतु प्रभु के लिए करते हो।”
– कुलूसियों 3:23
8. प्रार्थना कीजिए: अगर आप अपनी आदतों को बदल नहीं पा रहे हैं, या अपनी परिस्थिति या मैनेजर से परेशान हैं तो प्रार्थना कीजिए। इस से आपका ध्यान अपनी समस्या से उठकर परमेश्वर की ओर जाता है। ऐसे में आप अपनी कमज़ोरी को बारीकी से देख पाते हैं। परमेश्वर आपको समझ देता है और आपके तनाव को दूर करता है।
दोस्तों अगर आपको तनाव के बारे में अब भी कोई सवाल है तो हमें लिखिए।आओ एक नयी मंज़िल की ओर चले।