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एक ज़ख़्मी ही, दूसरे को ज़ख्म देता है।

एक ज़ख़्मी ही, दूसरे को ज़ख्म देता है।

जीवन

एक ज़ख़्मी ही, दूसरे को ज़ख्म देता है।

लगभग हर रोज़ हम न्यूज़ चैनल्स पर देखते हैं, कि कैसे समाज में लोग अन्याय और अपराध का शिकार बन रहे हैं। कोई गुस्से में किसी की हत्या या ज़ख़्मी कर देता, तो कोई किसी को सबक सिखाने के लिए उनके अपनों को चोट पहुँचाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं, कि इन सभी लोगों में एक सामान चीज़ क्या है! आइए चर्चा करते हैं।

कसूर किसका था भला? कौन ज़ख़्मी हुआ?

यह कहानी है मेरी दोस्त सरिता की। बहुत खुशहाल और विनम्र इंसान थी वह। शादी के बाद, अपने पति के साथ ससुराल जाने के ख्वाब बुन रही थी, पर जो होने वाला था शायद उसने उसकी कभी कल्पना भी नहीं की होगी। उसके माता पिता, अपनी बेटी के लिए एक बड़ा दहेज़ नहीं दे पाए, इसलिए ससुराल वालों ने आये दिन उसे ताने मारना शुरू कर दिया। यह बहुत दिनों तक चला और एक दिन, सरिता ने जब अपनी चुप्पी तोड़ी, तो उसके पति ने उसे ऐसा चाँटा लगाया, जिसकी गूँज पूरे मोहल्ले में सुनाई दे गयी। जब दुखी और ज़ख़्मी सरिता ने खुद के होश सम्भाला तो पाया कि उसकी सास ने भी उसे मारना शुरू कर दिया।

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पहले ताने, फिर चिल्लाना, फिर मारना, ज़रुरत से ज़्यादा काम करवाना और हर दूसरी रात उसका बलात्कार करना। समाज के डर और परिवार वालों के खौफ से वह सब चुप चाप सहती गयी, उसका दर्द कब गुस्से में बदल गया उसे पता भी नहीं चला। जब वह एक माँ बानी, तो यह सारा गुस्सा और दुःख उसने अपने बच्चों पर निकालना शुरू कर दिया। छोटी छोटी बातों पर उन्हें मारना और कभी उनसे प्यार के दो लफ्ज़ भी न बोलना, कुछ ऐसा था उन मासूमों का बचपन।

यहाँ कसूर किसका था भला? सरिता का या उसने अपनी आवाज़ नहीं उठाई? सरिता के माँ-बाप का क्योंकि वह एक बड़ा दहेज़ नहीं दे पाए, या फिर उस बाप का जो अपनी पत्नी और बच्चों का ख्याल नहीं रख पाया? कसूर जिसका भी हो, भरपाई उन बच्चों को ही करनी पड़ी।

एक ज़ख़्मी ही, दुसरे को ज़ख्म देता है।

प्यार नहीं दे पाते। अगर आपने भी कभी किसी और का गुस्सा, अपनों पर निकाला हो, या फिर अगर आपका दिल इतना ज़ख़्मी है कि आप किसी से प्यार से बात नहीं कर पाते, तो चिंता न करे। यीशु वह साथी है, जो आपके सारे ज़ख्मों के बदले, आपको शांति और प्रेम से भरने के काबिल है।प्रभु यीशु मसीह आपके ज़ख्मों को महसूस कर सकते हैं क्योंकि वो इन सभी दर्द और तकलीफ़ से सिर्फ़ हमारे लिए गुजरें हैं उन्होंने अपनी ख़ुशी और भरपूर जीवन हमें दे दिया और उसके बदले हमारे पाप, दर्द, तकलीफ़ और बीमारियाँ अपने ऊपर ले ली। प्रभु यीशु मसीह वह मलहम है जो गहरे से गहरे घाव को भी भर देता है।

अगर आप इस प्रभु यीशु के बारे में और जानना चाहते है, तो हमसे जुड़े। हम आपकी सहायता करना चाहते है।

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